निजी कंपनियों से वैगन समय पर नहीं मिलने से रेलवे प्रभावित
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)| कार्यशील पूंजी का संकट और महत्वपूर्ण घटकों के अभाव के कारण समय पर रेल डब्बों की डिलीवरी नहीं होने से रेलवे को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
यह बात एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताई।
रेलवे के अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “वैगन विनिर्माता रेलवे के लिए मुख्य सहारा हैं क्योंकि इनकी 90 फीसदी जरूरतों की पूर्ति निजी क्षेत्र से ही होती है। एक अक्टूबर तक भारतीय रेल को 12,311 वैगन (रेल डब्बे) के ऑर्डर में से सिर्फ 2,717 वैगन ही मिल पाए थे। दस प्रमुख निजी कंपनियों को ये ऑर्डर अप्रैल में ही दिए गए थे।”
उद्योग के हितधारकों ने बताया कि विनिर्माताओं की ओर से मार्च 2019 तक 9,594 वैगन की आपूर्ति होने की उम्मीद है। इनमें से प्रत्येक की कीमत 25 लाख रुपये है।
वैगन की आपूर्ति की रफ्तार मंद होने पर चिंता जाहिर करते हुए रेलवे ने वैगन विनिर्मिाताओं से कहा है कि आपूर्ति नहीं बढ़ाने की सूरत में उनको ऑर्डर के मूल्य का दो फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा।
उद्योग सूत्रों के अनुसार, कार्यशील पूंजी का अभाव और रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्डस ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) से मान्यता प्राप्त वेंडर के पास बोगी, कॉप्लर, ड्रॉपगीयर, एयरब्रेक सिस्टम की अनुपलब्धता की समस्याएं वैगन की आपूर्ति में बाधक बनी हुई हैं।
इस्पात की कीमत हाल के दिनों में 20 से 25 फीसदी बढ़ गई है। इसके अलावा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का भी मसला है। वैगन पर पांच फीसदी जीएसटी लागू है, जबकि कच्चे माल पर 18 फीसदी।
उद्योग के सूत्रों ने बताया कि इस मसले के समाधान के लिए वित्त मंत्रालय के पास जाने की योजना है।
इस बीच, रेलवे ने आगे 5,600 करोड़ की लागत से 21,758 वैगन खरीदने के लिए प्रतिगामी बोली की प्रक्रिया का विकल्प अपनाने का फैसला लिया है।