बैडमिंटन : सायना डेनमार्क ओपन के फाइनल में, श्रीकांत बाहर
ओडेंसे (डेनमार्क), 20 अक्टूबर (आईएएनएस)| राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने अपना विजय अभियान जारी रखते हुए शनिवार को डेनमार्क ओपन के फाइनल में प्रवेश कर लिया जबकि किदांबी श्रीकांत को पुरुष एकल के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। सायना ने महिला एकल के सेमीफाइनल में इंडोनेशिया की ग्रिगोरिया मरिस्का तुनजुंग को 21-11, 21-12 से मात दी। वल्र्ड नंबर-10 सायना ने वल्र्ड नंबर-19 तुनजुंग को मात्र 30 मिनट में ही पराजित कर दिया।
फाइनल में सायना का सामना वल्र्ड नंबर-1 चीनी ताइपे की ताई जु यिंग से होगा, जिन्होंने एक अन्य सेमीफाइनल में चीन की ही बिंगजियाओ को 30 मिनट में ही 21-14, 21-12 से हराया।
यिंग के खिलाफ सायना का करियर रिकॉर्ड 5-12 का है और ऐसे में खिताब जीतने के लिए भारतीय खिलाड़ी को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। यिंग ने इस वर्ष एशियाई खेलों में सायना को हराया था।
इससे पहले, सायना ने वल्र्ड रैंकिंग में तीसरे स्थान पर मौजूद जापान की खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को कड़े मुकाबले में 17-21, 21-16, 21-12 से मात देकर सेमीफाइनल में कदम रखा था।
दोनों दिग्गज खिलाड़ियों के बीच यह मुकाबला 58 मिनट तक चला। सायना ने आकुहारा को कड़ी टक्कर देते हुए पहले गेम में हारने के बावजूद शानदार वापसी की।
दूसरे गेम में भी सायना पिछड़ गई थी लेकिन उन्होंने अपने खेल में सुधार करते हुए गेम को जीत दर्ज की। जापानी खिलाड़ी तीसरे सेट में सायना को बिल्कुल भी टक्कर नहीं दे पाई।
वहीं, पुरुष एकल के सेमीफाइनल में श्रीकांत को हार का सामना करना पड़ा।
दूसरी सीड जापान के केंतो मोमोटा ने भारतीय खिलाड़ी को एकतरफा मुकाबले में 21-16, 21-12 से करारी शिकस्त दी। दोनो खिलाड़ियों के बीच यह मुकाबला 42 मिनट तक चला।
मोमोटा ने मैच की शुरूआत से ही दमदार खेल दिखाया और श्रीकांत पर दबाव बनाया। पहले गेम में श्रीकांत ने जापानी खिलाड़ी को थोड़ा पेरशान किया लेकिन दूसरे गेम में अपने खेल को बेहतर नहीं कर पाए।
श्रीकांत ने शुक्रवार देर रात हमवतन समीर वर्मा को बेहद कड़े मुकाबले में 22-20, 19-21, 23-21 से मात देकर टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी।
महिला युगल में अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी की जोड़ी को क्वार्टर फाइनल में टॉप सीड युकी फुकुशिमा और सयाका हिरोता से शिकस्त झेलनी पड़ी।