मी टू पर जेएलएफ के रुख में दोहरा मापदंड?
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)| सी.पी. सुरेंद्रन, सुहेल सेठ और चेतन भगत समेत कई स्टार वक्ताओं पर कई महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद जी जयपुर लिटरेचर महोत्सव (जेएलएफ) के आयोजकों ने प्रसिद्ध लिट फेस्ट से इतर गुरुवार को एक वाक्य का ट्वीट कर भारत में ‘मी टू’ अभियान से चल रही लहर का समर्थन किया है लेकिन सवाल अभी भी बरकरार है कि आरोपित वक्ताओं को बुलाया जाएगा या उन्हें प्रतिबंधित किया जाएगा। जेएलएफ के आधिकारिक हैंडल से गुरुवार को किए गए एक ट्वीट में कहा गया, “जी जयपुर लिटरेचर महोत्सव सुस्पष्ट ढंग से उन महिलाओं के साथ खड़ा है, जिन्होंने समानता व गरिमा के लिए साहसपूर्वक आवाज उठाई है और संस्थान उनकी आवाजों का समर्थन व उन्हें बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
जेएलएफ ने हालांकि इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा कि आरोपित वक्ताओं को उत्सव में बुलाया जाएगा या प्रतिबंधित किया जाएगा।
डब्लूडब्लूडब्लू डॉट चेंज डॉट ओआरजी पर लेखिका-संपादक रजनी जॉर्ज द्वारा एक अभियान शुरू करने के बाद यह बयान आया है। रजनी ने महोत्सव के आयोजकों से मी टू इंडिया का समर्थन करने और यौन उत्पीड़न के खिलाफ खड़े होने को कहा था।
रजनी ने कहा था, “हमने आज भारत में मी टू अभियान के हिस्से के रूप में साहित्य जगत में कई पुरुषों के खिलाफ हाल ही में लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की गंभीरता और विश्वनीयता के संदर्भ में आयोजकों को लिखा है।”
उन्होंने कहा, “हम इन लोगों पर लगे आरोपों से गुस्सा, दुखी और निराश हैं। हम जयपुर लिटरेचर महोत्सव (जेएलएफ) के कार्यो की प्रशंसा करते हैं। भारत के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित साहित्य महोत्सव होने के नाते हमारा मानना है कि जेएलएफ इस मुद्दे को हल करने में आगे आना बखूबी जानता है।”