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मां दुर्गा का सातवां रूप … डर भी जिससे डरता है, जिनकी सांसों से निकलती है ज्वाला

उन देवी के स्वरूप को जानने से ही खत्म हो जाती हैं सारी परेशानियां

कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की समस्या से परेशान हो, या डर से भयभीत हो उसके लिए देवी का सावतें स्वरूप माँ कालरात्रि की पूजा से बढ़ कर और कोई उपसना नहीं हो सकती है।

मां दुर्गा का सातवां रूप देवी कालरात्रि के नाम से जाना जाता है, यानि कि जिनके शरीर का रंग अंधेरे के समान काला है। देवी का यह स्वरूप अन्य देवियों की तुलना में बिलकुल अगल है।

देवी कालरात्रि का रूप विक्राल है, इनके सिर के बाल बिखरे हुए हैं और गले में चमकने वाली माला है, जिसमें असुरों के कटे हुए असुरमुंड लटके हुए हैं। कालरात्रि के तीन नेत्र हैं। इनकी सांसों से अग्नि निकलती रहती है। ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वर मुद्रा भक्तों को वर देती है। दाहिनी ही तरफ का नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में रहता है।

रूप भयंकर, पर देती हैं शुभ फल –

दुर्गा का कालरात्रि रूप भले ही भयंकर हो लेकिन ये महादेवी हमेशा अपने भक्तों को शुभ फल देती हैं।किसी भी तरह का डर हो या फिर शत्रुओं ने घेर लिया हो, सिर्फ ‘ जय माँ कालरात्रि ‘ कहने से ही भक्तों की सभी परेशानियां अपनेआप दूर हो जाती हैं।

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