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रेड डी हिमालया : अरिंदम, नटराज बने चैम्पियन

लेह, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| टीम पोलारिस के अरिंदम साइकिया और टीम टीवीएस के नटराज आर. ने शनिवार को 20वीं रेड डी हिमालया रैली चैम्पियनशिप का खिताब जीत लिया। रैली के दूसरे दिन लीड हासिल करने वाले अरिंदम ने अगले दो दिनों तक अपनी बढ़त बनाई रखी और एक्सट्रीम 4गुणा4 कटेगरी का चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया। अरिंदम ने 6.32.49 घंटे का कुल पेनाल्टी हासिल किया।

इसी तरह नटराज ने बाइकर्स की कटेगरी में अपना वर्चस्व कायम किया। वह मोटो एक्सट्रीम कटेगरी में बेताज बादशाह बनकर उभरे। नटराज असल में सभी चालकों के बीच सबसे तेज साबित हुए और 4.58.52 घंटे के कुल पेनाल्टी के साथ पहला स्थान हासिल किया।

ऐतिहासिक रेड डी हिमालया का 20वां संस्करण 10 अक्टूबर को कारगिल से शुरु हुआ था और शनिवार को लेह में समाप्त हुआ। चालकों को इस रैली के दौरान बर्फ, जबरदस्त ठंढ के बीच कारगिल, जांस्कार और लद्दाख की चुनौतीपूर्ण वादियों को पार करना पड़ा।

2015 में रेड जीतने वाले कैप्टन एवीएस गिल ने अपनी ग्रैंड विटारा के साथ 10.53 मिनट पीछे रहते हुए दूसरा स्थान हासिल किया जबकि हारी रैलिंग टीम के हिमांशु अरोड़ा ने अपनी जिप्सी के साथ तीसरा स्थान पाया।

टीम महेंद्रा के अमित्राजीत घोष ने शानदार वापसी करते हुए चौथा स्थान हासिल किया।

मोटो कटेगरी में नटराज ने बाजी मारी जबकि उनके टीम के साथी इमरान पाशा ने दूसरा स्थान हासिल किया। इमरान ने 5.15.21 घंटे कुल पेनाल्टी लिया। विश्वास एसडी ने तीसरा जबकि जतिन जैन ने चौथा स्थान पाया।

इस रैली का आयोजन करने वाली देश की अग्रणी मोटरस्पोर्ट्स संगठन-हिमालयन मोटरस्पोर्ट्स के अध्यक्ष विजय परमार ने कहा, “रेड-2018 काफी कठिन रही। इस बार मौसम ने चालकों को काफी सताया। पहली बार चालको को शून्य से 16 डिग्री सेल्सियस कम तापमान में गाड़ी चलानी पड़ी। बाइकर्स के लिए यह रैली और इस तापमान में बाइक चलाना काफी चुनौतीपूर्ण रहा।”

इस रैली में इस साल शामिल दो एम्प्यूटी चालकों-विनोद रावत (मुम्बई) और अशोक मुन्ने (नागपुर) ने रेस फिनिश की। ग्रुप-डी में ये दोनों चालक क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। इन दोनों ने बिना किसी मॉडिफिकेशन के स्टॉक बाइक्स का उपयोग किया। कोलकाता के विशाल दास विजेता घोषित हुए।

परमार ने कहा कि रेड के फारमेट में बदलाव के कारण प्रतिस्पर्धा चौथे दिन तक बनी रही। बकौल परमार, “आमतौर पर रेड छह दिनों की होती थी। चौथे दिन तक सम्भावित विजेता सामने आने लगते थे। इसके बाद तो अगर कोई चालक अपनी लीड बनाए रखने में सफल होता था तो वही विजेता होता था।”

 

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