मुंबई के दो वकील ‘मी टू’ पीड़िताओं की निशुल्क कानूनी मदद करेंगे
मुंबई, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)| मुंबई के दो प्रसिद्ध वकील मृणालिनी देशमुख और वैभव कृष्णन ने यौन उत्पीड़न और हिंसा पीड़ितों को निशुल्क कानूनी सहायता मुहैया कराने का बीड़ा उठाया है।
कई लोगों का कहना है कि ‘मी टू’ अभियान तब सफल होगा जब सामने आई महिलाओं की ओर से कानूनी कदम उठाया जाएगा। इनमें से ज्यादातर महिलाओं के पास अब कानूनी विकल्प उपलब्ध है।
इस बीच, भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन निर्देशक संघ (आईएफटीडीए) ने उन सभी निर्देशकों को नोटिस जारी किए हैं, जिनपर महिलाओं ने यौन उत्पीड़न और हिंसा के आरोप लगाए हैं।
आईएफटीडीए के अध्यक्ष अशोक पंडित ने कहा कि साजिद खान और विकास बहल समेत आरोपी फिल्म निर्माताओं को नोटिस भेज दिए गए हैं और उन्हें 10 दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। अगर वे जवाब नहीं देते हैं तो उनके नाम असहयोग सूची में डाल दिए जाएंगे, जिसके बाद महिलाएं उन दो वकीलों से संपर्क कर सकती हैं, जो कानूनी मदद मुहैया कराने के लिए आगे आए हैं।
पंडित ने कहा कि आईएफटीडीए ने नाना पाटेकर को नोटिस नहीं भेजा है क्योंकि वह एक अभिनेता हैं न कि निर्देशक।
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्यवश हमारा संगठन आरोपियों को कानूनी रूप से दंडित नहीं कर सकता। हम केवल आरोपियों का बहिष्कार करने के बारे में कह सकते हैं। इस परिप्रेक्ष्य में हम काफी खुश हैं कि साजिद खान को हाउसफुल 4 के उनके निर्देशन कार्य से छुट्टी पर भेज दिया गया है। ऐसा करके अक्षय कुमार और निर्माता साजिद नाडियाडवाला ने भारत में मी टू अभियान के लिए सही दिशा तय कर दी है।”
साजिद खान पर आरोप लगाने वाली रेचल व्हाइट और करिश्मा उपाध्याय ने अपनी कहानियां आईएफटीडीए को सुनाई हैं।
पंडित ने कहा, “उनके अनुभव सुनकर धक्का सा लगा। किसी भी कार्यस्थल पर किसी महिला के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए।”