अब दो लड़कियां मिलकर दे सकेंगी बच्चों को जन्म, नहीं पड़ेगी पुरुष की जरूरत!
शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोध में पता चला कि दो महिलाएं मिल कर दे सकती हैं बच्चों को जन्म
अभी तक सेक्स का प्रचलन चलता चला आ रहा था। दो असमान लिंग वाले लोग जब संबंध बनाते हैं, तो इसी को सेक्स कहते हैं। इसी के वजह से मादा बच्चों को जन्म दे पाती हैं। ऐसे में अगर कहा जाए कि बच्चे पैदा करने के लिए किसी नर की जरूरत नहीं। जी हां इसका दावा किया है चाइनीज़ एकेडमी ऑफ़ साइंसेज के शोधकर्ताओं ने। इस शोध को वैज्ञानिकों ने पहले दो चुहियों पर करके देखा और वो कामयाब भी हो गए।उनका कहना है कि प्रजनन के तय नियमों को तोड़ते हुए, इस तरह से बच्चे के जन्म को संभव बनाने में आनुवांशिक इंजीनियरिंग का अहम योगदान है। वैज्ञानिकों ने बताया कि ‘Bimaternal’ यानि कि दो स्वस्थ महिलाएं बच्चों को जन्म दे सकती हैं, लेकिन बुरी बात ये है कि पुरूष वर्ग ऐसा नहीं कर सकता।शोधकर्ताओं ने एक मादा के अंडे लिए और दूसरे से एक विशेष प्रकार की कोशिका-हैप्लोइड भ्रूण स्टेम सेल। दोनों में आवश्यक अनुवांशिक निर्देश या डीएनए केवल आधे थे, लेकिन दोनों को सिर्फ़ साथ लाना ही पर्याप्त नहीं था। शोधकर्ताओं को इसके लिए एक ख़ास तकनीक का इस्तेमाल करना पड़ा, जिसे जीन एडिटिंग कहते हैं। जीन एडिटिंग के द्वारा डीएनए के तीन सेट्स को हटा दिया गया ताकि वो एक दूसरे से जुड़ने में पहले से कहीं बेहतर हो जाएं। प्रजनन के लिए सेक्स की ज़रूरत डीएनए की वजह से होती है।शोधकर्ताओं ने कहा कि इससे आने वाले समय में सेक्स की जरूरतें खत्म हो जाएंगी। यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑकलैंड की डॉक्टर टेरेसा होम का कहना है कि आने वाले समय में शायद ये भी संभव हो जाए लेकिन फिलहाल तो नहीं। “संभव ये है कि यह शोध आने वाले समय में समान सेक्स वाले लोगों को स्वस्थ बच्चे जन्म देने की दिशा में मदद में मदद करे।”“हालांकि इस प्रक्रिया से जुड़ी अपनी चिंताएं हैं और सावधानियां हैं, जिसे दूर किए जाने की ज़रूरत है।” इसे तब तक आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए जब तक कि वैज्ञानिक इसकी पुष्टि न कर दें और जब तक इस बात की पुष्टि न हो जाए कि इस प्रक्रिया से जन्म लेने वाले बच्चे पूरी तरह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होंगे।