कांग्रेस ने मोदी पर लगाया ‘स्वच्छ गंगा’ कार्यकर्ता की उपेक्षा का आरोप
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)| कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पर्यावरणविद् जी.डी. अग्रवाल की बार-बार भेजी गईं अर्जियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। स्वच्छ गंगा की मांग के लिए भूख हड़ताल पर बैठे अग्रवाल का गुरुवार को हृदयाघात से निधन हो गया था। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कानपुर (आईआईटी-के) के प्रोफेसर रह चुके अग्रवाल (86) प्रदूषण मुक्त और निर्बाध गंगा की मांग को लेकर 22 जून से भूख हड़ताल पर थे।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने संवेदना संदेश में अग्रवाल की लड़ाई को आगे ले जाने की कसम खाई।
राहुल ने ट्वीट किया, “मां गंगा के सच्चे बेटे प्रो. जी.डी. अग्रवाल नहीं रहे। गंगा को बचाने के लिए उन्होंने स्वयं को मिटा दिया। हिन्दुस्तान को गंगा जैसी नदियों ने बनाया है। गंगा को बचाना वास्तव में देश को बचाना है। हम उनको कभी नहीं भूलेंगे। हम उनकी लड़ाई को आगे ले जाएंगे”
कांग्रेस ने मोदी पर भी वार करते हुए गंगा की सफाई के नाम पर सिर्फ जुबानी जमा खर्च करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर खाते पर लिखा, “गंगा की सफाई से संबंधित सभी योजनाएं मरणासन्न हैं, जबकि बड़े वादों से धोखा लगातार जारी है।”
पार्टी ने ‘मां गंगा को धोखा’ देने का आरोप लगाते हुए कहा, “गंगा की सफाई के लिए कुछ करने के बजाए प्रधानमंत्री मोदी भयावह रफ्तार से महज जुबानी जमा खर्च में लगे हैं।”
अग्रवाल द्वारा मोदी को लिखे पत्रों की याद दिलाते हुए कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने मोदी पर पर्यावरणविद् की लड़ाई की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।
सिंघवी ने मोदी द्वारा 2012 में किए गए उस ट्वीट का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने अग्रवाल के अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना की थी और कांग्रेस की अगुआई वाली तत्कालीन केंद्र सरकार से गंगा को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की थी।
सिंघवी ने ट्वीट किया, “मोदी को लगातार पत्र लिखने वाले प्रोफेसर ने अपना जीवन अंतत: गंगा के लिए समर्पित कर दिया। साल 2012 वास्तव में बहुत अच्छा साल था जब मोदी, अग्रवाल के स्वास्थ्य के लिए चिंतित थे।”
अग्रवाल ने मोदी को 17 अगस्त 2018 को भेजे अपने अंतिम पत्र में करोड़ों हिंदुओं के लिए पूजनीय गंगा नदी में फिर से जान फूंकने में असफल बताते हुए मोदी सरकार के प्रति निराशा जताई थी।
अग्रवाल ने अपने पत्र में लिखा था, “मेरी आपसे यह अपेक्षा थी कि गंगाजी के लिए आप दो कदम आगे आएंगे और विशेष प्रयास करेंगे क्योंकि आपने आगे आकर गंगाजी से संबंधित सभी कार्यो के लिए पृथक मंत्रालय बनाया था।”
पत्र में उन्होंने आगे लिखा, “लेकिन पिछले चार सालों में, आपकी सरकार में लिए गए सभी कदम गंगाजी के लिए बिल्कुल भी लाभकारी नहीं रहे बल्कि इसकी जगह कारपोरेट सेक्टर और विभिन्न व्यापारिक घरानों को ही लाभ मिलता देखा गया।”