सरकार गिराने के लिए सबरीमाला मुद्दा उठा रहा विपक्ष : माकपा
तिरुवनंतपुरम, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)| सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) ने गुरुवार को कांग्रेस, भाजपा और आरएसएस पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का प्रयोग कर केरल सरकार को गिराने का प्रयास करने का आरोप लगाया। शीर्ष अदालत ने 10 से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी थी। यहां उच्चस्तरीय एलडीएफ बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए एलडीएफ संरक्षक ए. विजयराघवन ने दावा किया कि कांग्रेस और भाजपा/संघ के बीच एक गुप्त समझौता हुआ है।
विजयराघवन ने कहा, “सबरीमाला फैसले पर भावनाओं को भड़काकर पिनारायी विजयन सरकार को गिराने के प्रयास का मतलब राज्य की शांति को भंग करना है।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शीर्ष अदालत के फैसले को लागू करने के लिए कर्तव्य बाध्य है और वह वैसा ही कर रही है।
मार्क्सवादी कमयुनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली एलडीएफ ने राज्यभर में विपरीत राजनीतिक रैलियां शुरू करने का फैसला किया है।
पहली रैली 16 अक्टूबर को पथानमथिट्टा में की जाएगी, जिसे विजयन संबोधित करेंगे। सबरीमाला मंदिर पथानमथिट्टा में स्थित है।
वहीं भाजपा राज्य की राजधानी अलाप्पुझा से लंबा मार्च निकालने जा रही है, जो 15 अक्टूबर को यहां पहुंचेगा।
भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने मीडिया को बताया, “अगर राज्य सरकार केंद्र से फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाने का अनुरोध करती है, तो मैं आश्वासन देता हूं कि ऐसा होगा।”
राज्य की राजधानी में भाजपा युवा शाखा के सदस्यों को देवसोम मंत्री के. सुरेंद्रन के आधिकारिक आवास में प्रवेश से रोकने पर पुलिस और उनके बीच झड़प हो गई।
मीडिया से बात करते हुए सुरेंद्रन ने कहा कि भाजपा ने प्रदर्शनों को हाईजैक कर लिया और वह सबरीमाला फैसले को राजनीतिक रंग दे रही है।
उन्होंने कहा, “भाजपा 1989 की विवादास्पद रथ यात्रा के दौरान जो कुछ भी हुआ था, उसे फिर से दोहराने का प्रयास कर रही है।”