मछलियों में फॉर्मलिन विवाद पर गोवा फॉरवर्ड दो फाड़
पणजी, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)| गोवा में मछलियों को सड़ने से बचाने के लिए फॉर्मलिन के इस्तेमाल को लेकर पैदा हुए विवाद से सत्तारूढ़ दल गोवा फॉरवर्ड दो फाड़ हो गया है। पार्टी के उपाध्यक्ष ने अपने शीर्ष नेतृत्व पर मुद्दे को लेकर चुप्पी साधने का आरोप लगाया और मछलियों में फॉर्मलिन कांड का खुलासा करने वाले पर अत्याचार करने वाली पार्टी करार दे दिया। गोवा फॉरवर्ड के अध्यक्ष विजय सरदेसाई को लिखे एक पत्र में उपाध्यक्ष ट्राजनो डी मेलो ने सोमवार को कहा कि पार्टी की असमर्थता ने ही मछली माफियाओं को गोवा में बिकने वाली मछलियों में फॉर्मलिन का इस्तेमाल करने दिया और खाद्य एवं औषधि प्रशासन की अधिकारी इवा फर्नांडीस को पार्टी ने परेशान किया।
डी मेलो ने सरदेसाई को लिखे पत्र में कहा है, “मेरी अन्तरात्मा को जो चीज परेशान कर रही है, वह यह है कि एक ईमानदार और सच्ची अधिकारी इवा फर्नांडीस ने मछलियों पर फॉर्मलिन टेस्ट किया और अपने निष्कर्षों को सामने रखा, जिससे मछली माफियाओं की आपराधिक गतिविधियां लोगों के सामने आईं, जो प्रत्येक गोवावासी की जिंदगी को खतरे में डालती है।”
पत्र में कहा गया है, “अधिकारी को अब उत्पीड़ित/मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप उसने गोवा मानवाधिकार आयोग से संपर्क किया है। इस मामले पर आपकी चुप्पी दबानेवाली है और इशारा करती है कि आप भी सच्ची अधिकारी के उत्पीड़न में शामिल है।”
डी मेलो के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए गोवा फॉरवर्ड ने सोमवार देर रात एक बयान जारी किया और कहा कि डी मेलो कांग्रेस में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ सकते हैं। कांग्रेस राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी है।