पुरानी पेंशन खतिर लखनऊ में जुटे 2 लाख से ज्यादा केंद्र व राज्यकर्मी
लखनऊ, 8 अक्टूबर (आईएएनएस/आईपीएन)। पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर सोमवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी में लगभग दो लाख के ज्यादा केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारी, शिक्षक व अधिकारी जुटे।
कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी-पुरानी पेंशन बहाली मंच के तत्वाधान में इको गार्डन में आयोजित इस महारैली में पहुंची भारी भीड़ को देखकर मंच के नेता उत्साहित दिखे और ऐलान किया कि जब तक सरकार पुरानी पेंशन बहाल नहीं कर देती, तब तक यह शंखनाद नहीं रुकेगा। नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली का यह प्रचंड रूप अब हर राज्य में दिखाई पड़ेगा।
उधर, उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुई मंच के प्रतिनिधियों की बैठक विफल हो गई।
कर्मचारी शिक्षक अधिकारी नेताओं ने कहा कि देश के लगभग 2.50 करोड़ राज्य कर्मचारी और 32 लाख केंद्रीय कर्मचारियों की नई पेंशन योजना के तहत अब तक लगभग दस हजार करोड़ रुपये नई पेंशन के नाम पर केंद्र और राज्य कर्मचारियों के नाम से लिए गए। लेकिन इस बड़ी राशि का कोई लेखा-जोखा सरकारों के पास नहीं है।
वक्ताओं ने कहा कि अगर पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती तो यह तय मानो कि 2019 में केंद्र सरकार उन लोगों को भी पेंशन न देने का ऐलान कर देगी, जिन्हें देने का उसने वादा किया है और जिन्हें वर्तमान में पेंशन मिल रही है। नेताओं ने कहा, “हम अपनी पुरानी पेंशन बहाली के लिए मोर्चा खोल चुके हैं। अब परिणाम की चिंता नहीं है।”
महारैली में आए करीब 2.30 लाख लोगों को संबोधित करते हुए कामरेड शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि सरकार को केंद्र और राज्य कर्मचारियों को उनका हक ‘पेंशन’ तो देनी ही पड़ेगा।
वहीं मंच संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि अब अगर सरकार इस महारैली के बाद भी ठोस परिणाम नहीं देती तो सरकार और उसके कर्मचारियों और शिक्षकों का टकराव तय माना जाए। पुरानी पेंशन बहाली के लिए महौल बन चुका है, अब फैसला सरकार को लेना है। अगर सरकार फैसला नहीं लेती है तो परिणाम ठीक नहीं होंगे।