केरल सरकार सबरीमाला फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेगी : मुख्यमंत्री
तिरुवनंतपुरम, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने सोमवार को स्पष्ट किया कि प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश का आदेश देने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केरल सरकार पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेगी। सर्वोच्च न्यायालय के 28 सितंबर के आदेश के विरोध में व्यापक प्रदर्शन के बीच विजयन ने संवाददाताओं को बताया, “हमने सर्वोच्च न्यायालय को अपने हलफनामे में बताया है कि न्यायालय जो भी आदेश देगा, हम उसका पालन करेंगे, इसलिए केरल सरकार का इस निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करना संभव नहीं है।”
विजयन ने कुछ उदाहरण दिए, जब प्रतिबंधित आयुवर्ग की महिलाओं ने पहले भी मंदिर में प्रवेश किया था और मंदिर की कुछ रीतियों में कैसे बदलाव आ गया।
उन्होंने कहा, “सभी को यह समझना चाहिए कि वर्तमान निर्णय इसलिए नहीं आया, क्योंकि राज्य सरकार ने याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई केरल उच्च न्यायालय में हो चुकी है और अंतिम निर्णय सर्वोच्च न्यायालय से आया। अब यह आदेश आ गया है तो हम इसका पालन करेंगे।”
सर्वोच्च न्यायालय ने 4:1 के बहुमत से 10 से 50 साल आयु वर्ग की ऐसी महिलाओं पर प्रतिबंध उनके मूल अधिकारों और समानता की संवैधानिक गारंटी का उल्लंघन करता है, जिनकी भगवान अय्यप्पा मंदिर में उपस्थिति को अशुद्ध माना जाता है।
अब तक सिर्फ 10 वर्ष से कम आयु तथा 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की महिलाओं को ही मंदिर में प्रवेश करने का अधिकार था। यह मंदिर राजधानी से लगभग 130 किलोमीटर दूर पश्चिमी घाट पर स्थित है।
इस दौरान कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि प्रदेश और केंद्र सरकार, दोनों ही याचिका दायर कर सकती हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि उन्होंने इस निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे श्रद्धालुओं के प्रदर्शन में शामिल होने का फैसला किया है।
हिंदू नायर समुदाय का सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन ‘नायर सर्विस सोसायटी’ ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की।