IANS

पूर्वोत्तर भारत में बारिश की कमी से कृषि पैदावार घटने की संभावना

अगरतला/गुवाहाटी, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत के पूर्वोत्तर इलाके में इस साल मानसून सीजन में 26 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है, जिससे फसलों की पैदावार घटने के साथ-साथ पानी की कमी का संकट भी पैदा हो सकता है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों के अनुसार, इस साल जून से लेकर सितंबर तक मानसून सीजन के पूरे चार महीने में पिछले पांच साल में सबसे कम बारिश हुई है।

पूर्वोत्तर के सात राज्यों को मौसम विज्ञान विभाग के तीन सब डिवीजनों में बांटा गया है। जिनमें असम और मेघालय एक सब डिवीजन में है तो अरुणाचल प्रदेश अगल सबडिवीजन है जबकि नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा को मिलाकर तीसरा एक सबडिवीजन बनाया गया है। इसके अलावा सिक्किम और पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से को मिलाकर एक अलग सब डिवीजन बनाया गया है।

आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार अरुणाचल प्रदेश सब डिवीजन में सामान्य से 31 फीसदी कम बारिश हुई है जबकि असम और मेघालय में बारिश की कमी 26 फीसदी दर्ज की गई है।

नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा सबडिवीजन में सामान्य से 22 फीसदी कम बारिश हुई है।

आईएमडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “भारत के पूर्वोत्तर और पूर्वी राज्यों में मानसून के दौरान 1,061.9 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि इस दौरान सामान्य बारिश 1,403.7 मिलीमीटर होती है।” इन राज्यों में पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार भी शामिल हैं।

आईएमडी निदेशक दिलीप साहा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “बारिश के लिए अपेक्षित मौसमी दशाएं पर्याप्त नहीं होने से पूर्वोत्तर के इलाकों में बारिश कम हुई है।”

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के प्रमुख वैज्ञानिक विश्वजीत दास ने कहा कि बारिश की कमी से फसलों के उत्पादन पर असर होगा। उन्होंने कहा कि कई प्रकार के कीट फसलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में विभिन्न फसलों की कटाई के लिए वर्षाजल की जरूरत होती है। इसके अलावा सिंचाई की सुविधा भी पहाड़ी इलाके में बहुत कम है।

 

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close