अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से जानी जाएंगी गंगोत्री ग्लेशियर की दो पर्वत चोटियां
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हिमालयी संरक्षण अभियान हरी झंडी दिखाकर रवाना किया
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद व निम (नेहरू इन्स्टीटयूट आॅफ माउन्टनियरिंग) के सयुंक्त रूप से आयोजित मिशन अटल जाइन्ट एक्सपेडिशन आॅफ यूटीडीबी एंड निम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मिशन अटल जाॅइन्ट एक्सपेडिशन के तहत उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद व निम की सयुंक्त टीमों ने गंगोत्री ग्लेशियर स्थित 6,557 मीटर व 6,566 मीटर की अनाम चोटियों को लगभग 25 से 30 दिन के भीतर फतह किया जाएगा।
इन चोटियों के नाम भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल-1 व अटल-2 रखे जाएंगे। इन अनाम चोटियों को अभी तक पर्वतारोहियों ने फतह नहीं किया गया है। पर्वतारोही टीम को बधाई व शुुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि गंगोत्री ग्लेशियर की दो चोटियां जिनको अभी तक फतह नहीं किया गया है, ऐसी चोटियों पर जाना रहस्य व रोमांच से भरपूर होगा। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी का व्यक्तित्व भी विशाल व धवल था। यह गौरव कि बात है कि उत्तराखंड हिमालय की दो चोटियां श्रद्धेय अटल जी के नाम से याद की जाएंगी।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, निम के प्रिंसीपल कर्नल अमित बिष्ट, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद के सदस्य अवधेश भट्ट मौजूद थे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में तिब्बती सांसद जमम्पेल तेन्जीन, दावा छित्डिग, टासी दुन्डुप, कारवल नोर्बु,हिसे तेन्जीड ने मुलाकात की। इस मौके पर भारत तिब्बत सहयोग मंच के उपाध्यक्ष महेश पाण्डेय, महासचिव इन्द्रपाल कोहली भी मौजूद थे।
उत्तराखंड में हिमालयी संरक्षण अभियान का हुई आगाज़ –
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हिमालयी संरक्षण अभियान हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रान्तीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तराखंड की ओर से आयोजित हिमालयी संरक्षण अभियान रैली 2018 के तहत व्यापार मंडलों की चार दिनों की रैली में पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, रिस्पना व कोसी पुनर्जीवीकरण को सहयोग के लिए प्रयास किए जाएंगे।
हिमालयी संरक्षण अभियान 2018 के सफल संचालन के लिए शुभकामनाएं व बधाई देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा,” पर्यावरण संरक्षण व हिमालय संरक्षण में के प्रति जन जागरूकता को लगातार बढ़ाना होगा। सरकार के प्रयासों के साथ ही व्यापक सक्रिय जनभागीदारी से पर्यावरण संरक्षण की दिषा में अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। हिमालय का संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है।”