IANS

एशियन हेरिटेज फाउंडेशन के जियो! लिव इट में दिखी संस्कृति की झलक

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)| राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हमेशा स्वदेशी की पैरवी की थी। गांधी के इन्हीं आदर्शो को आत्मसात करते हुए-द एशियन हेरिटेज फाउंडेशन (एएचएफ) कलाकारों को प्रोत्साहन दे रहा है।

कल्चरल इंडस्ट्री के कुशल लेकिन हाशिए पर रह गए लोगों को एक मंच देने के लिए प्रख्यात डिजाइनर राजीव सेठी के नेतृत्व में एशियन हेरिटेज फाउंडेशन (एएचएफ) ने एक अपनी तरह के कार्यक्रम जियो! लिव इट का आयोजन किया है।

दिल्ली के सी-ब्लॉक साउथ एक्सटेंशन 2 में 20 अक्टूबर तक चलते वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने किया।

यह कार्यक्रम सांस्कृतिक उद्योगों के कुशल लेकिन कमजोर हितधारकों के बीच नई आजीविका बनाने में अपने दशक के लंबे हस्तक्षेप में, जियो! के सार्वजनिक स्टॉकटेकिंग के लिए एक प्रयास है।

इसमें 18 क्लस्टर के आर्टिसन निर्माता ग्रुप/कंपनियों के साथ आयोजित करते हुए, जिओ और जानी ब्रांडों के माध्यम से जिला, राज्य एवम् राष्ट्रीय स्तर पर तथा जिवा ब्रांड के माध्यम से स्थानीय स्तरीय सरकारी निकायों के साथ सहयोग किया है।

इस प्रयास के माध्यम से कपड़ा-हैंडलूम-हस्तशिल्प, संस्कृति, कौशल विकास, जनजातीय मामलों, पर्यटन, ग्रामीण विकास, गरीबी उन्मूलन, सूचना और प्रसारण, युवाओं और खेल, पाक कला, खादी, कुटीर उद्योग आदि डोमेन से कई हितधारकों के बीच तालमेल को तेज करता है।

एशियाई हेरिटेज फाउंडेशन द्वारा डिजाइन की जियो! परियोजना को डिजाइन के नेतृत्व हस्तक्षेप के माध्यम से सांस्कृतिक उद्योगों में ग्रामीण कारीगरों के आजीविका के अवसरों को बढ़ाने वाल स्वदेशी ब्रांड एवम् एशियाई हेरिटेज फाउंडेशन की डिजाइन अगुवाई वाली पहल है, जो विश्व बैंक की मॉनीटरिंग में जापान सोशल डेवलपमेंट फंड द्वारा समर्थित है।

झारखंड, ओडिशा एवं मध्य प्रदेश के हाशिए वाले जनजातिय समुदायों के लिए विशिष्ट बिजनेस मॉडल के रूप में ग्रांट प्रोजेक्ट जीयो की शुरूआत 2014 में हुई थी और इसे जे.एस.डी.एफ. द्वारा ऑफीशियल फंडिंग भी मिली है, जो वल्र्ड बैंक के माध्यम से उनके आजीविका पैदा करने और पारंपरिक क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने के वैश्विक पहल के हिस्से के रूप में दी गयी थी।

एशियन हेरिटेज फाउंडेशन के संस्थापक राजीव सेठी ने कहा, यह एक ट्रांसडिसिप्लीनरी मूवमेंट है, जो समूचे क्रिएटिव सेक्टर को जोड़ता है। इसमें कुशल लोगों को बाजार मिलता है।

इस अभियान में डिजाइन शोकेस से लेकर बी2बी परिचर्चा जैसे कई सत्रों का आयोजन किया जाएगा।

मौके पर धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा गांधी जयंती के अवसर पर आयोजित यह बहुत ही अच्छा प्रयास है। भारतीय समाज के कारीगरों एवं उनकी भूमिका में बापू की काफी आस्था थी। राजीव सेठी के नतृत्व में कलाकारों को शानदार मंच प्रदान करने का यह प्रयास शानदार है और मैं उनको शुभकामनायें देता हूं।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close