IANS

नीति आयोग व यूनिसेफ ने राष्ट्रीय कार्यक्रम को नाम दिया ‘युवा’

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत की युवा जनसंख्या, खासतौर पर हाशिए पर रहने वाले समूहों के लिए सामाजिक-आर्थिक अवसरों के विस्तार के लिए नीति आयोग व यूनिसेफ इंडिया ने समर्पित हितधारकों को साथ लेते हुए एक राष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है, जिसे ‘युवा’ नाम दिया गया है।

मंगलवार को एक कार्यक्रम में यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनरीएटा फोर और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत भारत में रह रही 25.3 करोड़ मजबूत किशोर जनसंख्या की आकांक्षाओं और अवसरों की प्राप्ति की दिशा में सहयोग के लिए शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार/उद्यमिता पारिस्थितिक तंत्र में सक्रिय प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लेकर आए।

बताया गया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में वर्ष 2030 तक हर युवा को गुणवत्ता आधारित शिक्षा, ट्रेनिंग और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शुरू किए गए वैश्विक कार्यक्रम ‘जेनरेशन अनलिमिटेड’ से प्रभावित होकर भारत में ‘युवा’ की पहल की गई है।

‘युवा’ भारत सरकार, राज्य सरकारों, प्राइवेट सेक्टर, सिविल सोसाइटी आर्गनाइजेशंस, यूएन एजेंसी, सपोर्टिग पार्टनर, सॉल्यूशन पार्टनर, एजुकेटर और किशोरों को एक मंच पर लेकर आया है।

इस राष्ट्रीय साझेदारी का लक्ष्य 10 से 24 साल के बीच के युवाओं (खासतौर पर समाज के सबसे कमजोर वर्ग के) के लिए विशेष कार्य क्षमताओं और आर्थिक अवसरों का विकास करना है और इसी को ध्यान में रखते हुए इससे जुड़ी चुनौतियों को रेखांकित किया गया।

इस राष्ट्रीय सम्मेलन से पहले यूनिसेफ और उसके साझेदारों ने छह राज्य स्तरीय विमर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया, जहां सॉल्यूशन प्रोवाइजर्स, प्राइवेट सेक्टर और सरकारी प्रतिनिधि युवाओं की बातों को सुनने और उनके द्वारा सामने रखी गई चुनौतियों और आकांक्षाओं को समझने और उनका समाधान निकालने का प्रयास किया गया।

सम्मेलन में हिस्सा लेते एक युवा विभु शर्मा ने कहा, हमारे बिना, हमारे लिए कुछ भी नहीं है। हम युवा अपने भविष्य के लिए उत्तरदायी हैं। हम अपनी चुनौतियों को समझते हैं और यही कारण है कि हमें शिक्षा, कौशल और रोजगार से जुड़े अपने सामान्य लक्ष्यों का रास्ता निकालना होगा।

अमिताभ कांत ने कहा, हमें भारत में उद्यमिता भावना का विकास करना होगा। खासतौर पर हमें महिलाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित करना होगा। हमारे विकास के लिए लैंगिक समानता बहुत जरूरी है। अगले तीन साल में हम 50 करोड़ नवाचार प्रयोगशालाओं को समर्थन देने जा रहे हैं। हम भारत में उद्यमिता भावना को सामने लाना चाहते हैं।

वहीं, फोर ने भारत में तीन बड़े अवसरों की भी पहचान की। इनमें लचीली शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देना, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों का विस्तार करना और अन्य युवा लोगों का समर्थन करने वाले युवा लोगों का समर्थन करना शामिल हैं।

कार्यक्रम में 60 से अधिक किशोरों और युवाओं (देश में सबसे अधिक हाशिए पर जी रहे समूहों से भी) के अलावा कौशल विकास एवं उद्यमिता सचिव के.पी. कृष्णन, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव रीना रे, युवा एवं खेल मामलों के मंत्रालय के सचिव अमरेंद्र कुमार दुबे, प्राइवेट सेक्टर, यूएन एजेंसीज, सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close