राजनाथ संग बैठक संतोषजनक, 7 मांगें मानी : किसान नेता
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेताओं ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के साथ किसानों की मांगों को लेकर उनकी बैठक ‘संतोषजनक’रही और उनकी नौ में से सात मांगें स्वीकार कर ली गई, जबकि केंद्र सरकार ने कर्ज माफी और उच्च एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की मांग को स्वीकार नहीं किया।
इसके बाद बीकेयू मंगलवार शाम अपनी कार्यकारिणी की बैठक में 10 दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन को वापस ले सकता है।
बीकेयू के महासचिव युद्धवीर सिंह की अगुवाई में 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गृहमंत्री से उनके आधिकारिक निवास पर यहां मुलाकात की, जहां केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित थे।
युद्धवीर सिंह ने कहा कि उनकी सात मांगें स्वीकारी गई हैं।
सिंह ने आईएएनएस को बताया, हालांकि सरकार कर्ज माफी की मांग पर चुप है और उनका कहना है कि इस संबंध में राज्य ही फैसला ले सकते हैं। साथ ही स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों के ‘सी2’ इनपुट फैक्टर के आधार पर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) तय करने की मांग सरकार ने स्वीकार नहीं की है और कहा कि भविष्य में इस बारे में विचार किया जाएगा।
सिंह ने कहा कि सरकार ने कहा कि एमएसपी को ‘ए2 प्लस एफएल’ फार्मूला के आधार पर तय करने की दिशा में सरकार काम कर रही है।
शेखावत ने कहा कि इन मांगों को किस प्रकार पूरा किया जाए, इस पर बाद में बैठक कर चर्चा की जाएगी। वे बाद में प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर भी गए, जहां पुलिस ने उन्हें दिल्ली में घुसने से रोक दिया, जिसके बाद किसानों की पुलिस से झड़प भी हुई।
किसान नेता ने मीडिया से कहा कि सरकार ने यह स्वीकार किया है कि किसानों तक बाजार में बिकने वाली उनकी फसल का मूल्य नहीं पहुंच पाता है तथा कृषि संबंधी योजनाओं का लाभ भी किसानों को नहीं मिलता है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस लाठी चार्ज की निंदा की।
युद्धवीर सिंह ने कहा, यह अलोकतांत्रिक है। यह अप्रत्याशित है। सरकार को किसानों पर लाठी चार्ज नहीं करना चाहिए। हर किसी को अपने विचार व्यक्त करने का हक है।
उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर जब पुलिस ने आन्दोलनकारी किसानों को दिल्ली में घुसने से रोका तो किसान अपने ट्रैक्टर लेकर पुलिस के बैरिकेड पर चढ़ गए, जिसके बाद उनके बीच झड़प हो गई और पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछारें की और आंसू गैस के गोले छोड़े, ताकि उन्हें वहां से हटाया जाए।