मप्र में गौ मंत्रालय बनाने का ऐलान कमलनाथ को जवाब!
भोपाल, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में ‘गाय’ को सियासी हथियार बनाने की कवायद तेज हो गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने जब ऐलान किया कि कांग्रेस सत्ता में आने पर हर ग्राम पंचायत में एक गौशाला खोलेगी तो जवाब में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्र गौ मंत्रालय बनाने का ही ऐलान कर दिया। मुख्यमंत्री शिवराज ने मौजूदा गौ संवर्धन बोर्ड के स्थान पर स्वतंत्र गौ मंत्रालय बनाने का ऐलान किया है। इससे गौभक्तों को खुश किए जाने की नजर से देखा जा रहा है।
शिवराज ने रविवार को गौ-संवर्धन बोर्ड के स्थान पर स्वतंत्र मंत्रालय की घोषणा के साथ कहा था कि मंत्रालय बनने से गौ-सेवा और संवर्धन के लिए तेजी से और बेहतर तरीके से कार्य हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि गौशाला और अभयारण्य में वृद्ध गाएं आती हैं और देखभाल के अभाव में इनकी मृत्यु भी हो जाती है। ऐसी गायों के समय पर इलाज के लिए डॉक्टरों सहित अन्य समुचित व्यवस्था भी कराई जाएगी।
इससे पहले, कमलनाथ ने गायों की हालत पर चिंता जताई थी। उन्होंने ऐलान किया था कि कांग्रेस सत्ता में आने पर गायों का पूरा ख्याल रखेगी और हर ग्राम पंचायत में एक गौशाला खोली जाएगी।
मुख्यमंत्री के गौ मंत्रालय बनाए जाने के फैसले से गौभक्त खुश हैं। छतरपुर में आयोजित कार्यक्रम में ओरछा स्थित सुरभि गोवंश सेवा संस्थान के राजेश गंगेले ने मुख्यमंत्री को धातु की गाय की अनुकृति (मॉडल) सौंपकर उनका सम्मान किया। गंगेले ने मुख्यमंत्री की घोषणा को एक समाज हितैषी कदम करार दिया।
वहीं कंप्यूटर बाबा का मानना है कि वह राज्यमंत्री रहते गायों के लिए वह नहीं कर पाए, जो करना चाहते थे। गाय, नर्मदा, संत-मंदिरों के मसले को लेकर कंप्यूटर बाबा ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, शिवराज 15 साल से सत्ता में हैं और वह इन दिनों अपने को घिरा पा रहे हैं। अगर वह बीते 14 साल में गाय की सेवा, सुरक्षा और संवर्धन के प्रयास किए होते तो आज उन्हें पाखंड करने की जरूरत नहीं पड़ती। गौ मंत्रालय की घोषणा महज शिगूफा है।