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VivekTiwari Killing : सोशल मीडिया पर DGP को पुलिस की धमकी, लिखा- 1973 याद है न…
उप्र पुलिस उड़ा रही कानून की धज्जियां, कर रही आरोपियों के लिए 5 करोड़ की मांग
लखनऊ। एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की दो पुलिसकर्मियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। अब इन्हीं पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए सोशल मीडिया पर एक महिम चलाई जा रही है। जिसमें आरोपी कांस्टेबलों को 5 करोड़ की आर्थिक मदद देने की मांग की जा रही है। इसके पीछे कोई और नहीं लखनऊ एसएसपी के ऑफिस में तैनात एक सिपाही है। सिर्फ यही नहीं पुलिस विभाग में विद्रोह की भी धमकी दी जा रही है। पुलिस अधिकारियों से लेकर सीएस यागी तक किसी को नहीं बख्शा जा रहा है।
सोशल मीडिया पर इस तरह के महिम उत्तर प्रदेश पुलिस के पोल खोल रही हैं। खुलेआम ऐसी मुहिम चलाई जा रही हैं क्या इसकी जानकारी अधिकारियों को नहीं और अगर है तो अभी तक इन पर कोई कार्यवाही क्यों नही की जा रही।
क्या है मुहिम? क्यों दी जा रही धमकियां?
- सिपाही रोहित पाल जो कि एसपी नॉर्थ के दफ्तर में तैनात हैं, वह फेसबुक पर मुहिम चला रहे हैं कि आरोपियों पांच करोड़ की मदद दी जाए। उन्होंने बैंक खाता भी खोला है, साथ अधिकारियों की कार्रवाई पर भी सवाल उठाते हुए लिखा कि प्रशांत की पत्नी की गुहार नहीं सुनी जा रही है।
- कांस्टेबल विष्णु चाहर ने लिखा है कि पुलिसवालों को राइफल के बजाए झुनझुना दें ताकि हम उसको बजाते रहें और सरकार के गुण गाते रहें।
- सिपाही प्रदीप यादव ने सोशल मीडिया पर डीजीपी को चेतावनी दी है कि ऐसा कुछ न करें नहीं तो 1973 दोहराया जा सकता है। 1973 पुलिस विद्रोह हुआ था जिसमें गोली चली थी।
- सिपाही ने चौधरी रवि तेवतिया ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मेरठ में गोली नहीं चलाई गई तो भी पांच सिपाही सस्पेंड कर दिए गए और यहां गोली चलाई तो 302 लिख दी गई। समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें।
- सिपाही आरके शुक्ला ने लिखा है कि सस्पेंड और लाइन हाजिर दोनों चलेगा लेकिन जेल नहीं जाएंगे। लूट होती है होने दो, डकैती होती है होने दो।
इससे पहले भी कांस्टेबल प्रशांत और उसकी पत्नी राखी मलिक ने गोमती नगर थाने में प्रेस कांन्फ्रेंस कर सीएम योगी पर आरोप लगाया कि उन्हीं के कहने पर एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है। साथ ही राखी ने अपने अधिकारों के सामने बिना वर्दी ही पेश होकर कानून का उल्लंघन भी किया।