हिमाचल प्रदेश में बचाव अभियान अंतिम चरण में पहुंचा
शिमला, 29 सितंबर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश के लाहौल घाटी में बचाव अभियान शनिवार को अपने अंतिम चरण में पहुंच गया। व्यापक पैमाने पर पर्यटकों सहित बड़ी संख्या में लोगों को बर्फीले इलाके से सुरक्षित निकाल लिया गया है।
एक सरकारी अधिकारी ने कुल्लू से फोन पर आईएएनएस को बताया कि घाटी में विभिन्न स्थानों पर फंसे पर्यटकों को लाहौल-स्पीति के जिला मुख्यालय केलांग और सरचु में लाया गया था, जहां से उन्हें शनिवार को रोड से बचाया गया था।
भारतीय वायुसेना (आईएएफ) द्वारा पर्यटकों को एयरलिफ्ट करने का काम शनिवार को शुरू नहीं हो सका। केलांग के पहाड़ी इलाके में शुक्रवार दोपहर को बर्फबारी होने के बाद से बचाव कार्य में बाधा आई।
कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर यूनुस खान ने आईएएनएस को बताया कि रोहतांग सुरंग के माध्यम से शनिवार को केलांग से मनाली तक लगभग 500 लोगों को सड़क मार्ग से पहुंचाया जाएगा।
इसी तरह मनाली से लगभग 222 किलोमीटर दूर सरचु में फंसे लोगों को जम्मू एवं कश्मीर में लेह की तरफ ले जाया जाएगा क्योंकि मौसम में सुधार है।
बचाव अभियान के पांचवें दिन अधिकारी ने कहा कि यह अपनी तरह का सबसे लंबा और सबसे बड़ा बचाव अभियान रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि 24 सितंबर से अब तक 30 विदेशियों सहित 2,000 से अधिक लोगों को बचाया गया। इनमें से 211 फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित निकाला गया और बाकी को निर्माणाधीन रोहतांग सुरंग के माध्यम से सड़क मार्ग से निकाला गया।
खान ने कहा कि बचाव अभियान को तीन प्रारूपों में अंजाम दिया गया।
सबसे पहले, भारतीय वायुसेना (आईएएफ) पर्यटकों को ज्यादा खतरे वाले जगहों से हेलीकॉप्टर से निकाल रहा है।
दूसरा, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सड़क मार्ग से लोगों को बचा रहा है और तीसरा स्थानीय प्रशासन ,आईएएफ और बीआरओ दोनों को लोगों को बचाने में लॉजिस्टिक मदद प्रदान कर रहा है।
उन्होंने कहा कि रोहतांग दर्रा और बाड़ालाचा पास से बर्फ साफ करने के लिए काम अंतिम चरण में है।
लाहौल में बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए एमआई-17 सहित तीन आईएएफ हेलिकॉप्टरों के साथ दो हल्के हेलीकॉप्टरों को अतिरिक्त रूप से तैनात किया गया है।