कांग्रेस ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय के आधार अधिनियम की धारा 57 को रद्द करने के फैसले का स्वागत किया। यह धारा किसी भी निजी कंपनी को पहचान के उद्देश्य के लिए नागरिकों से आधार की मांग करने की इजाज़त देती थी।
PM Modi misused public data & created a surveillance state through #Aadhar. Today he must answer for this violation of our privacy & ensure we get our data back. #ModiGiveBackMyData pic.twitter.com/YJ3TbODUi5
— Congress (@INCIndia) September 26, 2018
पार्टी ने एक ट्वीट में कहा, हम सर्वोच्च न्यायालय के आधार अधिनियम की धारा 57 को रद्द करने के फैसले का स्वागत करते हैं। निजी कंपनियां को अब पहचान के उद्देश्य के लिए आधार का प्रयोग करने की इजाजत नहीं होगी।
PM मोदी ने सार्वजनिक आंकड़ों का दुरुपयोग किया और #Aadhar के जरिये निगरानी वाला माहौल बनाया। अब उन्हें हमारी निजता के उल्लंघन का जवाब देना होगा। #ModiGiveBackMyData pic.twitter.com/7dM5JeFKEC
— Congress (@INCIndia) September 26, 2018
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में संशोधन के साथ आधार की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है।शीर्ष अदालत ने कहा कि बैंक खाते खोलने, स्कूलों में दाखिले और मोबाइल कनेक्शन के लिए इसकी जरूरत नहीं होगी।
( इनपुट -IANS/ एडिट- लाइव उत्तराखंड डेस्क )