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बायोफ्यूल के इस्तेमाल से घटेगी गैसोलिन की कीमतें : यूएसजीसी

नई दिल्ली, 25 सितम्बर (आईएएनएस)| भारत में कच्चे तेल की कीमतों में निरंतर वृद्धि से आर्थिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। ऐसे में बायोफ्यूल के इस्तेमाल से देश में गैसोलिन की कीमतों में कमी आएगी।

बायोफ्यूल का प्रचार करने वाले वैश्विक संगठन -अमेरिकी अनाज परिषद (यूएसजीसी) ने मंगलवार को यह बात कही है। यूएसजीसी ने कहा है कि भारत को वांछित ई10 मिश्रण स्तर पर मिश्रण करने के लिए इथेनॉल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए। इससे देश को उच्च मूल्य वाले जीवाश्म ईंधन ऑक्टेन को प्रतिस्थापित करके पैसा और विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा बायोफ्यूल वायु गुणवत्ता में सुधार करता है और वायु प्रदूषण से जुड़ी सांस की बीमारियों को कम करता है।

परिषद के मुख्य अर्थशास्त्री माइक ड्वायर ने एक बयान में कहा है, गैसोलीन की कीमत घटाने और देश के ऊर्जा आयात बिल को कम करने और विदेशी मुद्रा को बचाने के लिए भारत को देश भर में 10 फीसदी इथेनॉल मिश्रण प्राप्त करने पर तुरंत ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

हाल ही में छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किसानों से बायोफ्यूल उत्पादन का समर्थन करने का आग्रह किया था और अनुमान जाहिर किया था कि उत्पादन और मिश्रण के उच्चस्तर के साथ डीजल 50 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल 55 रुपये प्रति लीटर पर उपलब्ध होगा।

बयान के अनुसार, यूएसजीसी ने कहा कि जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति 2018 मिश्रण प्रयोजनों के लिए इथेनॉल के आयात की अनुमति नहीं देती है। भारत को अन्य देशों के अनुभव का लाभ उठाना चाहिए, जिन्होंने उच्च इथेनॉल मिश्रण किए हैं, जैसे कि फिलीपींस में दो स्तरीय खरीद प्रणाली के कारण अपनी जैव ईंधन मूल्य श्रंखला को 10 फीसदी इथेनॉल मिश्रण से बदल दिया, जिससे वहां उद्योगों में निवेश बढ़ रहा है, रोजगार पैदा हो रहे हैं और एक दशक के भीतर उनके घरेलू उद्योग में वृद्धि हुई है।

ड्वायर ने आगे कहा, फिलीपींस और अन्य देशों की तरह, भारत घरेलू इथेनॉल खरीद को प्राथमिकता देता है, लेकिन आपूर्ति में अंतर के कारण 10 फीसदी इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए विश्व बाजार से इथेनॉल की खरीदारी करनी चाहिए।

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