कश्मीर: 2015 में पति शहीद हुए थे, अब पत्नी सेना में बनी लेफ्टिनेंट
किसी अपने को खो के बाद हम टूट जाते हैं। हमको पता होता हैं कि हम चाहे जो कर ले, लेकिन वो वापस कभी नहीं आएगा। ऐसे में हमारी ताकत, धन -दौलत कुछ काम नहीं आता हैं। किसी अपने को खोने का दर्द शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता हैं। ऐसे में शहीद के परिजनों के दर्द का अहसास आप आसानी से कर सकते हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसे जांबाज शहीद की वाइफ से मिलाने जा रहे हैं, जिनपर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा, लेकिन वह अपने हसबैंड की मौत के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और लड़ी अपने परिवार तथा अपनी बेटी के लिए।
दरअसल, यह कहानी है जम्मू-कश्मीर के सांबा की रहने वाली नीरू संब्याल की। नीरू सांब्याल सेना के शहीद रवींद्र संब्याल की वाइफ हैं। रवींद्र संब्याल (रवींदर संब्याल) की मौत 2015 में हो गई थी।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, नीरू कहती हैं, “मेरी शादी अप्रैल 2013 में रविंद्र सिंह संब्याल के साथ हुई थी। मेरे पति पैदल सेना में थे। उनकी शहादत के बाद इस सच्चाई को स्वीकार करना कि अब वे नहीं रहे, काफी मुश्किल था। जब मैंने अपनी बेटी को देखा, तो मुझे उससे प्रेरणा मिली। एक नई शक्ति और उर्जा मिली।”
वो आगे कहती हैं, “मैं नहीं चाहती कि उसे कभी अपने पिता के न होने का एहसास हो। मैं माता-पिता दोनों की तरह उसे प्यार करती हूं। उसे कभी ऐसा महसूस नहीं होने दिया कि उसके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं। बेटी की वजह से मिली प्रेरणा ने मुझे 49 सप्ताह के प्रशिक्षण के दौरान मदद की। मुझे 8 सितंबर 2018 को कमीशन मिला। आर्मी में होने की वजह से मानसिक रूप से मजबूत होना पड़ता है। कभी-कभी ऐसी परिस्थतियां आती है, जहां शरीरिक नहीं, बल्कि मानसिक मजबूती चाहिए होती है।”
Samba(J&K): Neeru Sambyal, wife of army personnel Ravinder Sambyal(who lost his life in 2015) joins army,says ‘Was depressed after his death, but my daughter was my motivation&so I decided to join army& today I am a lieutenant. You really have to be mentally strong to be in army’ pic.twitter.com/rfxW8bujIZ
— ANI (@ANI) 23 September 2018
एएनआई ने जो फोटो जारी किया हैं, जिसमें नीरू अपने परिवार के साथ दिख रही हैं। नीरू की एक बेटी है, जो करीब 3-4 साल है। इस फोटो में नीरू अपनी बेटी को गोद में लिए दिख रही हैं। बताया जा रहा है कि रवींद्र सिंह संब्याल 2 JAK Rif में थे।