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नहीं रहे उत्तराखंड के वनों और नदियों को बचाने वाले डाॅ.शमशेर सिंह बिष्ट

डाॅ.शमशेर सिंह बिष्ट सामाजिक सरोकारों व पर्यावरणीय चेतना से जुड़े जननायक थे

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अल्मोड़ा निवासी उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकारी डाॅ.शमशेर सिंह बिष्ट के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवारजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा,” डाॅ.शमशेर सिंह बिष्ट सामाजिक सरोकारों व पर्यावरणीय चेतना से जुड़े रहे। उत्तराखंड राज्य आन्दोलन में सक्रिय रहने के साथ ही वनों और नदियों को बचाने के लिए वे संघर्षरत रहे। 1974 की अस्कोट-आराकोट यात्रा के बाद वे सभी प्रलोभनों को ठुकराकर पूरी तरह उत्तराखंड की सेवा में लग गए थे।”

 सन् 1980 के दशक में दिल्ली से निकलने वाली हिमालयन कार रैली को उत्तराखंड राज्य की मांग के समर्थन में जब रोका गया और पहाड़ पर न घुसने देने के लिए कई जगह रैली का विरोध हुआ, तब डाॅ.शमशेर सिंह बिष्ट उस आंदोलन के नेतृत्वकर्ताओं में प्रमुख थे।
डॉ. बिष्ट लंबे समय से किडनी की बीमारी से परेशान थे। कुछ महीने पहले उनका एम्स में इलाज भी चल रहा था। लेकिन स्वस्थ्य होने के बाद वो घर वापस आ गए थे।
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