वित्त आयोग 17 सितंबर से महाराष्ट्र के दौरे पर
नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| भारत सरकार का 15वां वित्त आयोग 17 सितंबर से 19 सितंबर तक महाराष्ट्र के दौरे पर जाएगा। इस दौरान आयोग राज्य से संबंधित मुद्दों को समझने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, व्यापार एवं उद्योग के प्रतिनिधियों, शहरी स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थानों के साथ बैठकें करेगा। यहां जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वित्त आयोग के अध्यक्ष एन. के. सिंह के नेतृत्व में आयोग सदस्यों- शक्तिकांत दास, डॉ. अनूप सिंह, डॉ. अशोक लाहिड़ी, डॉ. रमेश चंद एवं सचिव अरविंद मेहता एवं अन्य अधिकारियों के साथ मुंबई में मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रियों एवं राज्य के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक करेगा।
बयान के अनुसार, आयोग की क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को समझने के लिए अगस्त महीने में पुणे में अर्थशास्त्रियों के साथ भी परामर्श बैठक हुई थी। दौरा आरंभ करने से पहले आयोग ने नई दिल्ली में महाराष्ट्र के महालेखापाल से राज्य की वित्तीय स्थिति एवं सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों एवं विभिन्न पहलुओं की जानकारी प्राप्त की।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र देश के उच्च आय वाले राज्यों में एक है। यह एक अग्रणी औद्योगिक राज्य है तथा भारत के सबसे शहरीकृत राज्यों में से एक है। महाराष्ट्र भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 15 प्रतिशत का योगदान देता है। तथापि, उच्च अंत: क्षेत्रीय विषमता आरंभ से ही राज्य में व्याप्त है। राज्य अपनी उच्च आर्थिक विकास गति को मानव विकास के अनुरूप ढालने में विफल रहा है।
बयान के अनुसार, आयोग जिन प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा, उनमें प्रमुख हैं : राज्य 2009-13 से 2014-17 के दौरान राजस्व प्राप्ति के विकास की गति बरकरार नहीं रख पाया। राज्यों के अपने कर राजस्व की रुझान वृद्धि में गिरावट आई और यह 2009-13 के 19.44 फीसदी की तुलना में 2014-17 के दौरान 8.16 फीसदी रह गई। कुल व्यय में से पूंजीगत व्यय का प्रतिशत 2013-17 के दौरान 11 और 12 प्रतिशत के बीच रहा।
बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र के 34 जिलों में से विदर्भ एवं मराठवाड़ा के 16 जिलों की प्रति व्यक्ति आय राज्य एवं राष्ट्रीय औसत से नीचे है। 351 विकास ब्लॉक में से, राज्य में 125 विकास ब्लॉकों की पहचान मानव विकास सूचकांक पर सामाजिक रूप से पिछड़े ब्लॉक के रूप में की गई है।