IANS

भारत ने ईयू संग एफटीए वार्ता आगे ले जाने की बात दोहराई

नई दिल्ली, 14 सितम्बर (आईएएनएस)| भारत और यूरोपीय संघ(ईयू) को मुफ्त व्यापार समझौता(एफटीए) पर चर्चा के लिए नए और प्रगतिशील तरीके तलाशने चाहिए। यह बात विदेश मंत्रालय में सचिव(पश्चिम) रुचि घनश्याम ने कही है।

घनश्याम ने ‘ईयू एंड इंडिया-पार्टनर्स फॉर स्टेबिलिटी इन अ न्यू इंटरनेशनल एनवायरमेंट’ विषय पर यहां आयोजित एक सिम्पोजियम में गुरुवार शाम कहा, व्यापक व्यापार एवं निवेश समझौता (बीटीआईए) एक उदाहरण है, जहां दोनों पक्षों को आगे बढ़ने के लिए नए और प्रगतिशील तरीके तलाशने की जरूरत है।

बीटीआईए के लिए वार्ता 2007 में शुरू हुई थी, लेकिन 2015 में इसे रोक दिया गया था। कुल मिलाकर, इसके लिए कुल 16 चक्र वार्ता हुई थी।

इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि भारत द्वारा सभी देशों के साथ द्विपक्षीय निवेश संधि(बीआईटी) को अपनाने से इसके इंकार करने के बाद, यूरोपीय देशों के साथ निवेश अब संरक्षित नहीं है।

भारत ने दिसंबर 2015 में नए बीआईटी मॉडल को जारी करने के बाद सभी पुराने बीआईटी निलंबित कर दिए हैं।

घनश्याम ने कहा कि भारत कठोर कानून के शासन के साथ एक खुला समाज है, जो कि विदेशी निवेशकों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराता है।

उन्होंने कहा, भारत में निवेश वार्ता शुरू होने से पहले ही एफडीआई ने ईयू की अधिकतर मांगों का समाधान किया है।

घनश्याम ने कहा कि सरकार अपने सुधार केंद्रित एजेंडे के जरिए देश में रूपांतरकारी बदलाव के लिए प्रदर्शन पर काफी ध्यान दे रही है।

उन्होंने कहा, जुलाई 2017 में वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) के आगमन के परिणामस्वरूप भारत बहुत हद तक ईयू के जैसा एकल बाजार बन गया और इससे यूरोपीय उद्यमों को कई व्यापारिक अवसर प्रदान हुए।

भारत और ईयू को ‘स्वाभाविक साथी’ बताते हुए, उन्होंने कहा कि बीते दो वर्षो में दोनों पक्षों में गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं।

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