उद्यमियों को इन्वेस्टर्स समिट में परोसे जाएंगे उत्तराखंड के व्यंजन, कई रोचक व्यवस्थाएं शामिल
अक्टूबर में देहरादून में होने वाले ‘डेस्टीनेशन उत्तराखंड : इन्वेस्टर्स समिट’ की तैयारियों की हुई समीक्षा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि इन्वेस्टर्स समिट के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। सभी तैयारियां हर हाल में इसी महीने खत्म कर ली जाए।
” समिट में शामिल होने वाले उद्यमियों व निवेशकों को हर जरूरी जानकारी आसानी से उपलब्ध हो। इसके लिए पर्याप्त संख्या में काउंटर हों और उच्च स्तरीय अधिकारियों को इसकी जिम्मेवारी दी जाए।” सीएम त्रिवेंद्र ने कहा।
To boost #tourism in #Uttarakhand, helicopter services from Pithoragrh, Chinyalisaur, Gauchar, Haldwani and Sahastradhara will begin from October 4, 2018 in the state. #InvestInUttarakhand #DestinationUttarakhand pic.twitter.com/jaeQrwfJ1U
— Destination Uttarakhand (@DestinationUKIS) September 10, 2018
इन्वेस्टर्स समिट में उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता व संस्कृति की झलकी दिखाई जाएगी। सीएम की बैठक में सात व आठ अक्टूबर को देहरादून में होने वाले ‘डेस्टीनेशन उत्तराखंड : इन्वेस्टर्स समिट’ की तैयारियों की समीक्षा हुई।
इन्वेस्टर्स समिट की वजह से शहर की साफ सफाई, सड़कों का सुधारीकरण, सौंदर्यीकरण का काम तेज़ी से चालू है। समिट में भाग लेने वाले निवेशकों व उद्यमियों को परोसे जाने वाले भोजन में उत्तराखण्ड के व्यंजनों को रखे जाने की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा,” समिट में प्रतिभाग करने के लिए देश विदेश से बड़ी संख्या में उद्योगपति, विभिन्न कम्पनियों के सीईओ, उद्यमी आएंगे। उत्तराखंड में निवेश करना उनके लिए कैसे फायदेमंद है उनकी हर जिज्ञासा का समाधान हो। इसके लिए सभी विभागीय अधिकारियों खासतौर पर समिट में फोकस किए जा रहे क्षेत्रों से संबंधित अधिकारियों के फिंगरटिप्स पर हर तरह की जानकारियां होनी चाहिए।”
इन्वेस्टर्स समिट में 12 सेक्टर्स बनाकर सचिव स्तर के अधिकारियों को इनकी ज़िम्मेदारी दी गई है। प्रवेश स्थान पर वेन्यू मैप भी रखा जाएगा। दो दिवसीय सत्र के उद्घाटन सत्र को प्रधानमंत्री व समापन सत्र को केंद्रीय गृह मंत्री सम्बोधित करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा,” निवेशकों के लिए बैकवर्ड लिंकेज की उपलब्धता पर भी विशेष ध्यान रखा जाए। इसके लिए यथासम्भव महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा जाए। तकनीकी काॅलेजों व विश्वविद्यालयों के चुनिंदा छात्रों को भी इसमें प्रतिभाग करने का अवसर दिया जाए। इससे उन्हें काफी कुछ सीखने को मिलेगा।”