गोवा : कांग्रेस ने भाजपा, पर्रिकर को बेनकाब करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया
पणजी, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| कांग्रेस ने सोमवार को गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर को राज्य के खनन उद्योग में कथित अनियमितता के संबंध में भाजपा व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का पर्दाफाश करने का ‘साहस’ दिखाने के लिए शुक्रिया अदा किया। यहां मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस की गोवा इकाई के महासचिव ए. चेल्लाकुमार ने कहा कि पारसेकर द्वारा गोवा लोकायुक्त के समक्ष दाखिल शपथपत्र से तत्कालीन विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी द्वारा फैलाए गए झूठ का पर्दाफाश होता है। पार्टी ने तभी कांग्रेस नेताओं पर राज्य में 35,000 करोड़ रुपये के खनन घोटाले का आरोप लगाया था।
गोवा लोकायुक्त 1.44 लाख करोड़ रुपये के खनन घोटाले की जांच कर रहे हैं।
चेल्लाकुमार ने कहा, लेकिन आज सच्चाई सामने आ चुकी है। यह किसी और के द्वारा नहीं, बल्कि भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री पारसेकर द्वारा प्रकाश में लाया गया है। पारसेकर ने काफी चतुराई से जिक्र किया है कि उन्होंने नहीं, बल्कि पर्रिकर ने सरकार के खजाने से 1.44 लाख करोड़ रुपये लूटे हैं। मैं सच में पारसेकर के साहस की सराहना करता हूं।
उन्होंने कहा, पर्रिकर ने विपक्ष में रहते हुए ‘पदयात्रा’ निकाली थी और इसके साथ ही कई अन्य प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था। उन्होंने कई झूठ बोले थे। उन्होंने कांग्रेस को भ्रष्ट साबित करने का कोई मौका नहीं छोड़ा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल में पर्रिकर के 2014 में रक्षामंत्री के तौर पर नियुक्त होने के बाद, पारसेकर ने गोवा के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली थी।
गोवा लोकायुक्त के समक्ष पेश शपथ पत्र में पारसेकर ने दावा किया है कि आवंटन प्रक्रिया में ‘कुछ विशेष’ लोग शामिल थे और उन्हें शिकायतकर्ता द्वारा ‘छोड़ दिया’ गया।
एनजीओ गोवा फाउंडेशन ने पारसेकर को इस घोटाले में एक प्रतिवादी बनाया है।
पारसेकर ने कहा कि विवादास्पद 88 खनन पट्टों का दूसरी बार आवंटन सरकारी नीति के मुताबिक हुआ था, और यह तब हुआ था जब वह मुख्यमंत्री नहीं थे।
उन्होंने स्पष्ट रूप से इशारा किया कि यह निर्णय पर्रिकर की अगुवाई वाली राज्य सरकार में लिया गया था।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विनय तेंदुलकर ने आईएएनएस से कहा कि उन्होंने अभी तक पारसेकर का शपथपत्र नहीं देखा है।
सर्वोच्च न्यायालय ने इस वर्ष के प्रारंभ में दूसरी बार गोवा में खनन पर रोक लगा दी थी और नए खनन पट्टे को जारी करने के निर्देश दिए थे। न्यायालय ने 88 खनन पट्टों के आवंटन में हुई अनियमितता के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।