पाकिस्तान : शीर्ष अर्थशास्त्रियों का सलाहकार परिषद से इस्तीफा
इस्लामाबाद, 8 सितम्बर (आईएएनएस)| लंदन निवासी अर्थशास्त्री इमरान रसूल प्रधानमंत्री इमरान खान की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी) से इस्तीफा देने वाले दूसरे सदस्य बने हैं। आतिफ मियां के अहमदी मजहब को लेकर पाकिस्तान में हुई प्रतिक्रिया के कारण उन्हें परिषद से बाहर होना पड़ा है। युनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. इमरान रसूल ने एक ट्वीट में कहा, भारी दिल के साथ मैंने आज सुबह ईएसी से इस्तीफा दे दिया।
रसूल ने एक के बाद एक कई ट्वीट में कहा, जिन हालात में आतिफ से हटने को कहा गया, मैं उसे गंभीर रूप से असहमत हूं।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार द्वारा दिग्गज पाकिस्तानी अर्थशास्त्री से ईएसी से बाहर होने के लिए कहने के बाद दो अर्थशास्त्रियों ने इस्तीफा दे दिया, जिसके एक दिन बाद रसूल ने इस्तीफा दिया है।
प्रिंसटन विश्वविद्यालय और वूडरो विल्सन स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में प्रोफेसर डॉ. आतिफ मियां ने कहा कि वह इस्तीफा इसलिए दे रहे हैं, क्योंकि सरकार को उनकी नियुक्ति को लेकर धार्मिक-राजनीतिक दलों से दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
आतिफ को हटाए जाने और उसके बाद इस्तीफे के पीछे कारण को अप्रासंगिक बताते हुए रसूल ने अपनी निराशा व्यक्त की और कहा कि प्रिंसटन के अर्थशास्त्री की जगह को भर पाना मुश्किल होगा।
आर्थिक परिषद के गठन पर टिप्पणी करते हुए रसूल ने कहा कि परिषद ने बेहतर आर्थिक नीतियों के लिए अच्छे अवसरों की पेशकश की थी, लेकिन पिछले 10 दिनों के घटनाक्रम ने इस समय की पाकिस्तानी राजनीति की सबसे अच्छी और सबसे खराब चीज को दर्शाया है।
ईएसी से आतिफ मियां के नियुक्ति को वापस लेने के सरकार के फैसले पर विरोध जताते हुए गुरुवार को प्रसिद्ध अर्थशास्त्री आसिम एजाज ख्वाजा ने नवगठित परिषद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि एक मुस्लिम होने के नाते मैं इसे उचित नहीं ठहरा सकता।
जियो न्यूज के मुताबिक, शुक्रवार को डॉ. आतिफ मियां को परिषद से बाहर किए जाने के कुछ घंटों बाद ही हॉर्वर्ड केनेडी स्कूल में अंतर्राष्ट्रीय वित्त और विकास के प्रोफेसर डॉ. आसिम एजाज ख्वाजा ने ईएसी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके एक दिन बाद रसूल ने इस्तीफा दे दिया है।
सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने डॉ. आतिफ मियां के निष्कासन को लेकर ट्विटर पर कहा, सरकार विद्वानों और सभी सामाजिक समूहों के साथ आगे बढ़ना चाहती है और अगर किसी एक की नियुक्ति से इसपर विपरीत प्रभाव पड़ता है तो यह अनुचित है।