कच्चे तेल का भंडार घटने के बावजूद कीमतों में नरमी
नई दिल्ली, 7 सितंबर (आईएएनएस)| व्यापार जंग की वजह से तेल की मांग नरम रहने की आशंकाओं के कारण अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार घटने के आंकड़े आने के बावजूद शुक्रवार को तेल के दाम में कोई बड़ी तेजी नहीं दिखी। शुरुआती कारोबार में थोड़ी बढ़त बनाने के बाद कीमतों में फिर नरमी आ गई। कच्चे तेल में पिछले दो दिनों से गिरावट आई है, लेकिन भारत की तेल विपणन कंपनियों ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ा दीं।
घरेलू वायदा बाजार में कच्चे तेल का वायदा बढ़त के साथ खुला मगर बाद में फिसल गया। हालांकि तेल बाजार के जानकार बताते हैं कि कीमतों में तेजी आएगी क्योंकि अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार फरवरी 2015 के निचले स्तर पर आ गया है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर चालू महीने यानी सितंबर डिलीवरी कच्चा तेल वायदा पूर्वाह्न् 11.13 बजे पिछले सत्र के मुकाबले सात रुपये की कमजोरी के साथ 4,877 रुपये प्रति बैरल पर बना हुआ था, जबकि इससे पहले वायदा अनुबंध 14 रुपये की बढ़त के साथ 4,898 रुपये पर खुलने के बाद 4,867 रुपये प्रति बैरल तक फिसला।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर नवंबर डिलीवरी ब्रेंट क्रूड 0.07 फीसदी की कमजोरी के साथ 76.45 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था, जबकि इससे पहले दैनिक कारोबार में वायदा अनुबंध में 76.70 डॉलर प्रति बैरल तक की बढ़त देखी गई।
हालांकि अक्टूबर डिलीवरी अमेरिकी लाइट क्रूट वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई न्यूयॉर्क मर्के टाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर 0.09 फीसदी की बढ़त के साथ 67.83 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था, इससे पहले दैनिक कारोबार में 67.97 डॉलर तक की बढ़त देखी गई।
अमेरिकी इनर्जी इन्फोरमेशन एडमिनिस्ट्रेशन यानी ईआईए की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 31 दिसंबर को समाप्त हुए सप्ताह में अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार 43 लाख बैरल घटकर 40.15 करोड़ बैरल रह गया।
इस बीच भारत की तेल विपणन कंपनियों ने शुक्रवार को फिर पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी कर दी। देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 79.99 रुपये प्रति लीटर और डीजल 72.07 रुपये प्रति लीटर हो गया है। मुंबई में पेट्रोल का दाम 87.39 रुपये प्रति लीटर हो गया है और डीजल 76.51 रुपये प्रति लीटर हो गया है।
इनर्जी विश्लेषक बताते हैं कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार जंग गहराने से तेल की वैश्विक मांग प्रभावित हो सकती है। यही कारण है कि कच्चे तेल का भंडार घटने की रिपोर्ट आने बावजूद दाम में कोई बड़ी तेजी नहीं दिख रही है। हालांकि रिकवरी आने की संभावना बनी हुई है।