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मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजनाओं के संचालन में उत्तराखंड सबसे आगे

मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता लाने, दोहराव को रोकने और जनता को लाभ पहुंचाने के लिए मिलेगा पुरस्कार

ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की फ्लैगशिप योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के क्रियान्वयन में देश के अन्य राज्यों को पीछे छोड़ते हुए उत्तराखंड अग्रणी राज्यों शामिल हो गया है।

वर्ष 2017-18 में मनरेगा योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर घोषित पुरस्कारों की विभिन्न श्रेणियों में से उत्तराखंड को पांचवां पायदान मिला है। कर्मचारियों की कमी, आपदाओं की बारम्बारता के कारण दूर संचार प्रणाली सुचारू न रहने जैसाी कठिनाईयों के बावजूद यह प्रदर्शन सराहनीय है।

मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता लाने, दोहराव को रोकने और जनता के लाभ के लिए उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से हर काम की जियो टैगिंग करने की प्रक्रिया में अच्छा काम करने के लिए जियो मनरेगा पुरस्कार की श्रेणी में जनपद चम्पावत को द्वितीय स्थान मिला है।

कुशल क्रियान्वयन के लिए जनपद देहरादून के विकासखण्ड चकराता की ग्राम पचांयत सैंज को और दूरस्थ गांवों को पोस्ट आॅफिस खातों के जरिए ससमय मजदूरी भुगतान करने में सराहनीय कार्य करने के लिए गब्बर सिंह, ग्रामीण डाक सेवक झिंझोनी, जनपद चमोली को पुरस्कार प्रदान किया गया है।

हिमालयी व उत्तर पूर्वी राज्यों में प्रधानमंत्री आवास योजना क्रियान्वयन में उत्तराखण्ड राज्य को चार राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। इनमें प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत मनरेगा सहित अन्य योजनाओं में आवास योजना के कुशल केन्द्राभिसरण में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।

उत्तराखंड को लक्ष्य के सापेक्ष सर्वाधिक पूर्ण किए गए आवासों की श्रेणी में दूसरा और सम्पूर्ण क्रियान्वयन में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार जनपदीय श्रेणी में जनपद रुद्रप्रयाग को योजना के क्रियान्वयन में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। पुरस्कार वितरण समारोह दिनांक 11 सितम्बर 2018 को नई दिल्ली में होगा।

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