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पुलिस ने जानलेवा हमले के आरोपी पर लगाई हल्की धारा, गुस्से में यूपी के पत्रकार

चंदौली। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही पुलिस को ईमानदारी का पाठ पढ़ा रहे हों और पीड़ित से कोतवाली में अच्छा व्यवहार करने की नसीहत देते हो लेकिन कम से कम चंदौली में ऐसा कुछ भी होता हुआ नहीं दिख रहा है। यहां पर पुलिस कुछ ना कुछ ऐसा कर जाती है जिसकी वजह से वह चर्चा में बनी रहती है। अभी पिछले दिनों ही सूबे के मुखिया ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करने वालों की मेरी सरकार में खैर नहीं। चाहे वह कितना भी रसूख वाला व्यक्ति क्यों ना हो। तुरंत उसकी गिरफ्तारी होगी और अगर पुलिस पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करती है तो उनके खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। लेकिन यहां पर इसका सब कुछ उल्टा होता दिख रहा है या यूं कहें कि यहां की पुलिस प्रशासन के लिए सूबे के मुखिया का आदेश का कोई महत्व नहीं है।

सोमवार को नेशनल वॉइस न्यूज़ चैनल के पत्रकार सूरज सिंह के ऊपर कोतवाली से चंद कदम की दूरी पर जिला अस्पताल के पास राकेश पांडेय द्वारा जानलेवा हमला हुआ। संयोग से गोली मिस हो जाने की वजह से पत्रकार की जान बाल-बाल बच गई थी। गोली मिस होने के बाद राकेश पांडे चेन झपटकर मौके से फरार हो गया था। इस मामले में पीड़ित पत्रकार द्वारा कोतवाली में 307, 392और 504 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था। काफी देर की मशक्कत के बाद पुलिस ने आरोपी राकेश पांडे को गिरफ्तार भी कर लिया लेकिन पुलिस का दोहरा चरित्र उस समय उजागर हुआ जब पुलिस ने आरोपित को FIR की धाराओं में कोर्ट में पेश ना करके साधारण धारा 151 में उपजिलाधिकारी कोर्ट में पेश किया। जहां से आरोपी राकेश पांडेय को आसानी से जमानत मिल गई।

पुलिस के इस रवैया के कारण पूरे पत्रकार समाज में आक्रोश व्याप्त है। जिले के तमाम पत्रकार संगठनों ने पुलिस के इस कृत्य की घोर निंदा की है। साथ ही पुलिस प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया है और कहा है कि 24 घंटे के भीतर FIR की धाराओं के तहत आरोपी राकेश पांडेय की गिरफ्तारी की जाए अन्यथा पत्रकार चंदौली से लेकर लखनऊ तक सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे और इस सब की जिम्मेदारी चंदौली पुलिस प्रशासन की होगी।

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