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रुपये के मुकाबले डॉलर में मजबूती निर्यात बढ़ाने का रामबाण नहीं : ईईपीसी

कोलकाता, 3 सितम्बर (आईएएनएस)| रुपये के मुकाबले डॉलर में मजबूती आने के बावजूद जुलाई में भारत से इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में सुस्ती छाई रही, जिससे साबित होता है कि डॉलर में मजबूती आने से हमेशा निर्यात को प्रोत्साहन नहीं मिलता है। यह आकलन सोमवार को उद्योग संगठन ने पेश किया। इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) ऑफ इंडिया ने कहा कि इस साल अप्रैल में इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात 18.92 फीसदी बढ़ा और मई में निर्यात में 14.59 फीसदी का इजाफा हुआ। इसके बाद जून में भी इंजीनिरिंग उत्पादों के निर्यात में 14.17 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन उसके बाद जुलाई में निर्यात वृद्धि महज 9.37 फीसदी रही।

काउंसिल के चेयरमैन रवि सहगल ने कहा, हमारा मत है कि मुद्रा में स्थिरता रहने से ही निर्यातकों को प्रोत्साहन मिलता है, क्योंकि इससे उन्हें खरीदारों से सौदा करने में मदद मिलती है। किसी प्रकार का उतार-चढ़ाव आने या अस्थिरता रहने पर कोई मदद नहीं मिलती है।

ईईपीसी ने कहा कि जुलाई में रुपये में 6.56 फीसदी की गिरावट आई, जबकि जून में 5.19 फीसदी की गिरावट रही।

उद्योग संगठन ने कहा, लेकिन क्या इससे निर्यात भी बढ़ा, क्या मुद्रा में अवमूल्यन का लाभ मिला? नहीं, जुलाई में निर्यात वृद्धि महज 9.37 फीसदी रही जबकि जून में 14.17 फीसदी थी।

ईईपीसी ने कहा कि जनवरी 2017 में जब रुपया 68 के स्तर पर था तब भारत से इंजीनियरिंग उत्पादों का निर्यात 12 फीसदी बढ़ा था।

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