नीरज सिंघल की अंतरिम जमानत पर आदेश सुरक्षित
नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को भूषण स्टील के पूर्व प्रमोटर नीरज सिंघल को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दी गई अंतरिम जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया।
न्यायमूर्ति ए.एम.खानविलकर व न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ ने जमानत को चुनौती देने वाली गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) की याचिका पर आदेश सुरक्षित कर लिया।
सिंघल अपनी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर मिली जमानत पर जेल से बाहर हैं। उन्होंने तर्क दिया कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है क्योंकि शिकायत किसी अन्य कानून के तहत किया गया और गिरफ्तारी किसी अन्य के तहत हुई।
सिंघल के वकीलों द्वारा अतिरिक्त महाधिवक्ता मनिंदर सिंह के सुझाव का विरोध करने के बाद शीर्ष अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। मनिदर सिंह ने कहा कि अदालत अंतरिम जमानत देने में हस्तक्षेप नहीं कर सकती, लेकिन फैसले के क्रियान्वयन को रोक सकती है, जो कि एसएफआईओ को धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच से रोकता है।
उच्च न्यायालय ने बुधवार के अपने अंतरिम आदेश में कहा कि चूंकि एसएफआईओ ने सिंघल के खिलाफ कंपनी अधिनियम 2013 के तहत मामला दर्ज किया गया, इसलिए उसके पास सिंघल की पीएमएलए के तहत सुनवाई करने का अधिकार नहीं है।