पोलखोल : नोटबंदी सही या गलत, आरबीआई के आंकड़े आपको चौंका सकते हैं
देश की सबसे बड़ी बैंकिंग संस्था रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने नोटबंदी को असफल बताया
देश में नवंबर 2016 को लिया गया मोदी सरकार का बड़ा फैसला ‘नोटबंदी’ असफल साबित हुआ है। ये दावा किया है खुद देश की सबसे बड़ी बैंकिंग संस्था रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने ।
आरबीआई बैंक ने जानकारी देते हुए यह बताया है कि नोटबंदी से पहले 15 लाख 44 हजार करोड़ रूपए की मुद्रा चलन में थी। जिनमें से 15 लाख 31 हजार करोड़ रूपए की मुद्रा नोटबंदी के बाद वापस आ गई।
आम आदमी पार्टी ने नोटबंदी को अब तक का सबसे बड़ा घोटाला बताया है। अपने ट्विटर एकाउंट पर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ‘आप’ के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने एक वीडियो साझा किया है।
पहले दिन से ही @ArvindKejriwal ने कहा था कि नोटबंदी अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है।
नोटेबंदी से सबसे बड़ा नुक़सान आम आदमी को हुआ है!#Demonetisation #DemonetisationAScam pic.twitter.com/mm3Zt2khGw
— AAP (@AamAadmiParty) August 29, 2018
इस फैसले के पीछे सरकार ने यह दावा किया था कि इससे कालाधन समाप्त हो जाएगा, यही नहीं सरकार ने ये तक कह दिया था कि इस फैसले से आतंकवाद को दी जाने वाली फंडिग पर रोक लगेगी और नक्सलवाद खत्म हो जाएगा। लेकिन अब आरबीआई ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक 15 लाख 44 हजार करोड़ रूपए में से 15 लाख 31 हजार करोड़ रूपए बैंक में वापस आ गया है।
यहां पर सवाल यह खड़ा होता है कि जब नोटबंदी से लगभग सारा पैसा वापस ही आ गया तो कालाधन कहां गया? और जब कालाधन, जो इस फैसले का सबसे पहला टारगेट था वो भेद नहीं हुआ तो देश पर क्यों इतने बड़े आर्थिक बदलाव को थोपा गया?
जब सरकार से इस फैसले का कारण या जवाब मांगा जा रहा था तो सरकार केवल समय मांगकर अपना बचाव करती नज़र आती थी। अब जब आरबीआई ने खुद आंकड़े जारी कर दिए हैं तो साफ है कि सरकार का ये फैसला पूरी तरह से असफल रहा।