भारत व विश्व बैंक के बीच ऊर्जा दक्षता ऋण करार
नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)| भारत ने मंगलवार को विश्व बैंक के साथ 22 करोड़ डॉलर के एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के जरिए आवासीय और सार्वजनिक क्षेत्र में ऊर्जा बचाने के कदमों को मजबूत किया जाएगा। यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इसके अतिरिक्त ‘इंडिया इनर्जी इफीशिएंसी स्केल-अप प्रोग्राम’ के लिए आठ करोड़ डॉलर के एक गारंटी समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इससे 17 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड के आजीवन उत्सर्जन से बचने और लगभग 10 गीगावाट ग्रीनहाउस गैस के अतिरिक्त उप्तादन को रोकने में मदद मिलने की उम्मीद है।
बयान में कहा गया है कि यह पेरिस समझौते के अनुसार भारत के 19.6 गीगावाट के लक्ष्य के 50 प्रतिशत से अधिक होगा।
बयान में कहा गया है कि 22 करोड़ डॉलर के ऋण की अनुग्रह अवधि पांच वर्ष है और इसकी परिपक्व ता अवधि 19 सालों की है। आठ करोड़ डॉलर की गारंटी आंशिक रूप से व्यावसायिक ऋणदाताओं या निवेशकों के पुनर्भुगतान जोखिम को कवर करेगा, ताकि इनर्जी इफीशियंसी लिमिटेड (ईईएसएल) अपने कार्यक्रम के लिए फंड जुटा सके।
सरकार ने कहा कि ईईएसएल द्वारा क्रियान्वित किया जाने वाला कार्यक्रम ईईएसएल की संस्थानिक क्षमता को मजबूत करेगा और व्यावसायिक वित्तपोषण तक इसकी पहुंच बढ़ाएगा।
आर्थिक मामलों के संयुक्त सचिव समीर कुमार खरे ने कहा कि यह समझौता जलवायु परिवर्तन की सरकार की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए सरकार की तरफ से उठाए गए कई कदमों में से एक है। सरकार को 2030 तक कार्बन उत्सर्जन 33-35 प्रतिशत घटाना है।
भारत में विश्व बैंक के कार्यवाहक निदेशक, हिशाम अब्दो ने कहा कि कि यह कार्यक्रम भारत को एक अधिक संसाधन दक्ष पथ की पर बढ़ने में मदद करेगा।