शिशु आहार कक्षों की याचिका पर केंद्र को जवाब के लिए मिला और समय
नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र, राज्य सरकारों और नागरिक प्रशासन अधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों पर शिशु आहार केंद्रों और शिशु देखभाल कक्षों के निर्माण की मांग की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए अधिक समय की मोहलत प्रदान कर दी। मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी. कामेश्वर राव की एक पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर के लिए सूचीबद्ध कर दी।
पीठ, देश में माताओं द्वारा शिशुओं को स्तनपान कराने के लिए पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करने में अदालत के हस्तक्षेप की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है। यह याचिका नौ महीने के अवयान ने अपनी मां नेहा रस्तोगी और वकील अनिमेश रस्तोगी के माध्यम से दायर की है।
याचिकाकर्ता का कहना है, सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान कराने से जुड़ी सुविधाओं की कमी के कारण महिलाओं का निजता का अधिकार बाधित हो रहा है। महिलाओं को परेशान किया जाता है और जनता द्वारा व्यापक रूप से उनका मजाक उड़ाया जाता है।
उन्होंने कहा, सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान करना एक बहस योग्य मुद्दा बन गया है, खासतौर पर माताओं को यात्रा के दौरान नर्सिग का प्रबंधन करना मुश्किल लगता है। सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान अभी भी कई युवा माताओं के बीच असहजता की स्थिति पैदा करता है।