किताब व्यापार की वस्तु नहीं, समाज सेवा का साधन है : प्रकाशक महासंघ
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| भारती प्रकाशक महासंघ के अध्यक्ष रमेश के. मित्तल ने कहा कि किताबें व्यापार की वस्तु नहीं बल्कि समाज सेवा का साधन हैं। प्रगति मैदान में चल रहे 24वें दिल्ली पुस्तक मेला में मित्तल ने आईएएनएस के एक सवाल पर यह बात कही।
दिल्ली पुस्तक मेला में इस साल प्रवेश नि:शुल्क करने का कारण पूछा गया, जिसपर उन्होंने कहा, किताब उत्पाद नहीं है। यह समाज सेवा है। उन्होंने कहा कि प्रवेश नि:शुल्क करने का यही मकसद है कि हर कोई आकर किताब पढ़े।
उन्होंने कहा, किताबों को व्यापार की वस्तु नहीं समझना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोग ज्यादा से ज्यादा साहित्य पढ़ पाएं।
मित्तल ने कहा कि प्रकाशन के क्षेत्र में काफी चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा, उद्योग के लिए यह चुनौतीपूर्ण दौर है, खासतौर से बिक्री में मंदी छाने से चुनौती बढ़ गई है। युवा पीढ़ी का ज्यादा झुकाव इलेक्ट्रॉनिक गजेट की ओर हो गया है।
दिल्ली पुस्तक मेला शनिवार से शुरू हुआ। मेले में इस साल 120 प्रकाशकों के 300 से ज्यादा स्टॉल हैं।
मित्तल ने कहा कि प्रगति मैदान में निर्माण कार्य चलने के कारण जगह कम पड़ गई है लेकिन अगले संस्करण में इससे बड़ा मेला होगा। यह मेला दो सितंबर तक चलेगा।