पोलिकाइजेशन से अविकसित अंगूठे को मिला नया जीवन
नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)| कभी खिलौनों को पकड़ने में अक्षम आनंदिता (बदला हुआ नाम) अब सामान्य तरह के कार्य आसानी से करने में सक्षम है। उसे पोलिकाइजेशन प्रक्रिया के जरिए चार घंटे के ऑपरेशन को अंजाम देकर पूरी तरह ठीक कर दिया गया। वह हाइडोप्लास्टिक थंब के साथ रेडियल क्लब हैंड नामक बीमारी से पीड़ित थी। यह बीमारी जन्म लेने वाले एक लाख नवजातों में से तकरीबन एक को प्रभावित करता है।
आनंदिता का हाथ का अंगूठा पूरी तरह नहीं विकसित हुआ था, जिसके चलते बच्ची बहुतेरे काम करने में अक्षम साबित हो रही थी। जैसे वह गिलास, पेंसिल, कपड़ों के बटन बंद करने और जूते के फीते बांधने समेत तमाम काम नहीं कर पा रही है।
माता-पिता को लगा कि भविष्य में उसका जीवन कठिनाईयों से भरा हो सकता है। पीएसआरआई अस्पताल में इस सुविधा का पता लगने पर उन्होंने ओथोर्पेडिक चेयरमैन डॉ पीपी कोतवाल से संपर्क किया। चिकित्सक ने ऑपरेशन में अविकसित अंगूठे को हटा दिया और उसके स्थान पर तर्जनी (इंडैक्स) को अंगूठे का रूप देकर अंगूठे की जगह पर स्थापित किया। इस दौरान अंगूठा ठीक करने के लिए तर्जनी की नसों को भी जोड़ा गया। चार घंटे तक चले इस ऑपरेशन के बाद अंगूठा हरकत में आ गया।
अब आनंदिता अपने उन कामों को खुद करने लगी है, जो बीते दिनों में करना उसके लिए मुमकिन नहीं था। चिकित्सा क्षेत्र में अविसकित अंगूठा एक बीमारी है जो प्रभावित बच्चों को जन्म से ही होती है।
डॉ. कोतवाल ने कहा कि आनंदिता जैसे-जैसे बड़ी होगी उसका अंगूठा और अंगुलियां भी बढ़ने लगेंगी। सफल ऑपरेशन के बाद उसे अविकसित अंगूठे की बीमारी वाली कठिनाइयों का सामना भविष्य में नहीं करना पड़ेगा। उनके मुताबिक आनंदिता का ऑपरेशन किसी चुनौती से कम नहीं था।
डॉ. कोतवाल के मुताबिक कोई भी व्यक्ति अपने अंगूठे के बिना पूरा जीवन काट तो सकता है। लेकिन वह रोजमर्रा के सामान्य कामकाज करने में सक्षम नहीं होता है। छोटी से छोटी गतिविधि में उसे इतनी मुश्किल आती है कि आमतौर पर उसे अन्य व्यक्ति के सहारे रहना पड़ता है। अविकसित अंगूठे की बीमारी ठीक करने में सर्वाधिक सफलता एक से डेढ़ वर्ष की उम्र के आसपास मिलती है। डॉ कोतवाल के मुताबिक ऑपरेशन अगर डेढ़ साल की उम्र तक हो जाता है तो इसका परिणाम पूरी तरह सफल रहता है। जबकि उम्र अधिक होने की स्थिति में पुनर्निर्मित अंगूठे का साथ देने में दिमाग को बहुत समय लगता है।
ऑपरेशन के बाद आनंदिता का एक अंगूठा और तीन अंगुलियां ही हैं पर अब वह कोई भी काम करने में पूरी तरह सक्षम है।