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थरूर की जमानत के खिलाफ याचिका पर पुलिस स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे : उच्च न्यायालय

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अग्रिम जमानत को रद्द करने के लिए दाखिल की गई याचिका पर पुलिस से स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। शशि थरूर को उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत से जुड़े मामले में अग्रिम जमानत दी गई है।

न्यायमूर्ति आर.के.गौबा ने यह निर्देश वकील दीपक आनंद की याचिका पर दिया। अपनी याचिका में दीपक आनंद ने सत्र अदालत द्वारा 5 जुलाई को थरूर को दी गई अग्रिम जमानत को रद्द करने की मांग की है।

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि कांग्रेस नेता की अग्रिम जमानत का आवेदन समय पूर्व था और ग्रहण योग्य नहीं था क्योंकि यह आपराधिक प्रक्रिया की संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के अनुसार नहीं था और इसमें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून का उल्लंघन भी हुआ।

उन्होंने कहा कि थरूर की अग्रिम जमानत याचिका सीआरपीसी की निर्धारित प्रक्रिया को बाईपास करने के लिए दाखिल की गई।

शीर्ष अदालत के फैसले का हवाला देते हुए आनंद ने कहा कि अग्रिम जमानत याचिका सिर्फ जांच के दौरान या जांच से पहले दाखिल की जा सकती है, समन जारी होने के बाद नहीं दाखिल हो सकती है।

निचली अदालत ने 5 जून को पुलिस आरोपपत्र का संज्ञान लिया था और थरूर को समन जारी किया।

पुलिस ने 14 मई को थरूर पर सुनंदा पुष्कर को आत्महत्या के लिए उकसाने व उनके के साथ क्रूरता करने से जुड़े मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 306 व 498ए के तहत अरोप पत्र दाखिल किए।

शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी 2014 को दक्षिण दिल्ली के एक होटल के कमरे में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत मिलीं थीं।

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