महिला हॉकी : एशियाई खेलों में स्वर्ण से टोक्यो की राह बनाएगी भारतीय टीम (प्रीव्यू)
नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय महिला टीम का लक्ष्य अपनी लय में सुधार करते हुए एशियाई खेलों में दूसरा स्वर्ण पदक हासिल करना है, ताकि वह टोक्यो ओलम्पिक-2020 की राह तय कर सके।
भारतीय टीम ने पहली बार 1982 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया था। इसके बाद आठ संस्करणों में वह दोबारा स्वर्ण नहीं जीत पाई।
ऐसे में इस बार रानी रामपाल की कप्तानी में महिला टीम स्वर्ण पर लक्ष्य साधने के अभियान के साथ एशियाई खेलों का आगाज करेगी। भारतीय महिला टीम ने 1982 के बाद हुए आठ संस्करणों में तीन में कांस्य और एक संस्करण में रजत पदक जीता। इसके अलावा, चार संस्करणों में उसे चौथा स्थान हासिल हुआ।
हाल ही में हुए विश्व कप में भारतीय महिला टीम केवल क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय कर पाई। इस परिणाम के बावजूद मुख्य कोच एशियाई खेलों में टीम के बेहतर परिणाम के लिए आश्वस्त हैं।
भारत को पूल-बी में दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, कजाकिस्तान और इंडोनेशिया के साथ रखा गया है। पूल-ए में चीन, जापान, मलेशिया, हांग कांग और चीनी ताइपे हैं।
दक्षिण कोरिया ने पांच बार एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया है, वहीं चीन ने तीन बार सोने पर कब्जा जमाया है। कोच मरेन इस बात से बेहतर रूप से परिचित हैं कि एक ही पूल में होने के कारण दक्षिण कोरिया उनका चिर प्रतिद्वंद्वी होगा।
भारतीय महिला टीम के कोच मरेन ने कहा, एशियाई खेलों में हमें पूल-बी में रखा गया है और ऐसे में कोरिया हमारा चिर प्रतिद्वंद्वी होगा। यह मायने नहीं रखता कि हम किसके खिलाफ खेल रहे हैं। अगर हमें जीतना है, तो हमें हर मैच में जीत हासिल करनी होगी।
महिला हॉकी टीम 19 अगस्त को इंडोनेशिया के खिलाफ अपने अभियान का आगाज करेंगी। इसके बाद वो 21 तारीख को कजाकिस्तान, 25 को कोरिया और 27 को थाईलैंड का सामना करेगी।
एशियाई खेलों में अच्छे परिणाम के लिए आश्वस्त रानी ने आईएएनएस से प्रतिद्वंद्वी टीम के बारे में कहा, हम किसी भी टीम को अलग मानकर नहीं चल रहे हैं। हमें केवल अपने प्रदर्शन पर ध्यान देना है, ताकि हर मैच में हम कमियों को सुधार सकें। जो भी टीम हमारे साथ खेल रही है उसके खिलाफ हमें अपना स्तर बनाए रखने की जरूरत है।
भारतीय टीम के अटैक पर रानी ने कहा, भारतीय टीम का अटैक सुधर रहा है। ऐसा नहीं है कि हम डिफेंड ही करते हैं। हमारे पास जब भी गेंद होती है, तो इसमें हमें अपने संयोजन को बनाए रखते हुए अधिक से अधिक अवसर बनाने होते हैं। ऐसी ही कई चीजों को हमें ध्यान रखना होता है और एशियाई खेलों में हम अपनी काउंटर अटैक की क्षमता को जरूर दर्शाएंगे।
टीम :
गोलकीपर : सविता (उप-कप्तान), रजनी एतिमारपू।
डिफेंडर : दीप ग्रेस इक्का, सुनीता लाकड़ा, दीपिका, गुरजीत कौर, रीना खोखर।
मिडफील्डर : नमिता टोप्पो, लिलिमा मिंज, मोनिका, उदिता, निक्की प्रधान, नेहा गोयल।
फॉरवर्ड : रानी (कप्तान), वंदना कटारिया, लालरेमसियामी, नवनीत कौर, नवजोत कौर।