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जब अटल के अटूट इरादों ने दुर्गम पहाड़ी रास्तों पर बिछवा दी थी पक्की सड़क की चादर

उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की मदद से अधिकतर गांवों में पहुंची पक्की सड़क

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने सही मायने में उत्तराखंड के कठिन पहाड़ी रास्तों को मजबूत सकड़ नेटवर्क से जोड़ने का काम किया था। अटल जी के शासन काल में ही उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की मदद से अधिकतर गांवों में पक्की सड़क पहुंची।

उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले के द्वाराहाट ब्लॉक के बैनाली गांव के रहने वाले तारा सिंह बिष्ट (40 वर्ष) बताते हैं,” पहले हम लोग छह से आठ किलोमीटर पैदल जाया करते थे और बरसात के मौसम में कच्चे रास्तों में नालों के बहने से बहुत परेशानी होती थी। जब से अटल जी कि सरकार उत्तराखंड में आई , नालों पर पक्की सड़के बनी। सड़क नेटवर्क बढ़ने से लोगों का आठ किमी का रास्ता घटकर 500 मीटर भर हुआ। अब इस समय उत्तराखंड के लगभग सभी गांवों में पक्के रास्ते बनाए जा रहे हैं।” मुस्कुराते हुए वो आगे बताते हैं कि तेज़ी से सड़कों का बनना अटल जी की देन कही जा सकती है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, उत्तराखंड के तहत प्रदेश में 1,700 से अधिक गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा रहा है। राज्य में पहले जहां एक या दो मुख्य हाईवे हुआ करते थे, वहीं अब गढ़वाल क्षेत्र में रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड, ऋषिकेश- गंगोत्री, धरासू- फूलचट्टी और कुमांऊ मंडल में टनकपुर-पिथौरागढ़ के राज्य हाईवे अब नेशनल हाईवे बन चुके हैं ।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की मदद से वर्ष 2001 से लेकर लगातार गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा गया। वो अटल जी ही थे जिन्होंने देवभूमि में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की नीव रखी थी। आज राज्य में पक्की सड़कों के निर्माण के कारण चारधाम यात्रा, हेमकुंड साहिब यात्रा और कई धार्मिक यात्राओं में लोगों को आसानी हुई है।

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