वाजपेयी ने जब लिया दक्षिण भारतीय व्यंजनों का लुत्फ
मुंबई, 17 अगस्त (आईएएनएस)| यह वाकया 2006 का है, जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को 8वां एसआईईएस-श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती नेशनल एमिनेंस अवार्ड से नवाजा गया था। तबीयत नासाज होने के कारण वह मुंबई नहीं आ पाए थे।
उन्होंने मुंबई स्थित साउथ इंडियन एजुकेशन सोसायटी (एसआईईएस) के अध्यक्ष वी. शंकर को नई दिल्ली स्थित उनके आवास पर समारोह करने का सुझाव दिया था। साथ ही, उन्होंने अचंभित करते हुए उनको शाम में भोजन के लिए दक्षिण भारत के बेहतरीन व सुस्वादु व्यंजन का प्रबंध करने को कहा।
वाजपेयी सुस्वादु व्यंजन के पारखी थे। इसलिए एसआईईएस ने राजधानी के कनॉट प्लेस स्थित सरवणा भवन को जायकेदार व्यंजन परोसने का ऑर्डर दिया।
एसआईईएस के प्रवकक्ता के. ए. विश्वनाथन ने शुक्रवार को इस वाकये को याद किया, उस शाम उन्होंने भोजन का भरपूर आनंद उठाया और उन्होंने सामान्य खुराक से कुछ ज्यादा ही खाया।
उन्होंने बताया कि बाद में वाजपेयी ने इस बात पर आश्चर्य जाहिर किया कि इतना सुस्वादु दक्षिण भारतीय व्यंजन दिल्ली में मिलता है। दरअसल, वह इस बात से अवगत नहीं थे। उन्होंने पूछा कि उस रेस्तरां से कितने वेटर वहां आए थे।
विश्वनाथन ने कहा, उन्होंने उदारतापूर्वक सभी आठ लड़कों को लॉन में बुलाया और उनके साथ सामूहिक तस्वीर खिंचवाई। उसके बाद उन्होंने सबके साथ अलग-अलग फोटो भी खिंचवाई। उन्होंने 100 रुपये के नोट पर हस्ताक्षर कर सभी को प्रदान किया।
वाजपेयी ने जब एक प्याली और दक्षिण भारतीय फिल्टर कॉफी मांगी तो लड़के रोमांचित हो उठे।