उत्साह के साथ दवाब भी महसूस कर रही हैं पिंकी (साक्षात्कार)
नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)| पहली बार एशियाई खेलों में भाग लेने जा रही भारत की युवा महिला पहलवान पिंकी अपने करियर के अभी तक के सबसे बड़े टूर्नामेंट के लिए बेहद उत्साहित हैं, लेकिन इसके साथ ही वह पदक जीतने का दबाव भी महसूस कर रही हैं।
पिंकी का कहना है कि यह खेल उनके लिए एक सुनहरा मौका लेकर आया है, जब वह उम्मीदों पर खरा उतरकर अपने देश और परिवार वालों का नाम रोशन कर सकें।
पिंकी 18 अगस्त से इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेमबांग में खेले जाने वाले एशियाई खेलों में 53 किलोग्राम भारवर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। पिंकी को पूरी कोशिश है कि उनसे लोगों ने जो उम्मीदें लगाई हैं, वे पूरी हो सकें।
पिंकी ने इंडोनेशिया रवाना होने से पहले आईएएनएस से कहा, मैं पहली बार एशियाई खेलों में हिस्सा ले रही हूं इसलिए तैयारी अच्छे से की है। मैं बेहद उत्साहित हूं कि मैं पदक लेकर आऊंगी। अपने देश का नाम रोशन करूंगी अपने परिवार को गर्व करने का मौका दूंगी। मुझसे जो उम्मीदें उन सभी उम्मीदों को पूरी करना चाहती हूं।
बकौल पिंकी, साथ ही दबाव तो है कि पदक आएगा या नहीं। इस बारे में काफी सोचती हूं। जब ऐसा सोचती हूं तो अपने कोच या अपने सीनियर खिलाड़ियों से बात कर लेती हूं। सभी यह समझाते हैं कि अपने आप और अपनी तैयारियों पर भरोसा रखो। जब तैयारी की है तो डरने की जरूरत नहीं।
पिंकी कहती हैं कि जब भी वह परेशान होती हैं तो अपने कोच मनदीप से बात करती हैं और उनसे बात करके उनके अंदर आत्मविश्वास पैदा होता है।
उन्होंने कहा, कोच हमेशा यही कहते हैं कि जब तैयारी की है तो डरना क्यों। अपने आप पर भरोसा रखो। मुझे विश्वास है कि तुम पदक लेकर आओगी। उनके ऐसा कहने से मेरा भी आत्मविश्वास बढ़ता है और मैं काफी खुश तथा सकारात्मक महसूस करती हूं।
पिंकी कहती हैं कि वह जिस भारवर्ग में खेलती हैं उसके हिसाब से उनमें थोड़ी ताकत की कमी है, जिसे हासिल करने के लिए वह अलग से काफी मेहनत करती हैं और अपने खान-पान पर भी खासा ध्यान देती हैं।
उन्होंने कहा, मेरे भारवर्ग के मुताबिक मेरी ताकत थोड़ी कम है। उसी पर मेरा ज्यादा ध्यान रहता है कि मैं अपनी ताकत को कैसे बढ़ाऊं। इसके लिए अलग से मेहनत करती हूं। जिम, डंड, वेट-रनिंग, डिप्स यह सब करती हूं। साथ ही एक डाइट पर भी खासा ध्यान देती हूं। इसके अलावा कमियां तो काफी हैं मेरे अंदर, लेकिन जितने ज्यादा टूर्नामेंट्स खेलूंगी उतना ही फायदा होगा। उतना ही आत्मविश्वास बढ़ेगा।
पिंकी कहती हैं कि एशियाई खेल एक बड़ा मंच है। इसमें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पहलवान हिस्सा लेने आ रही हैं। पिंकी के मुताबिक वह पूरी तैयारी के साथ जा रही हैं। साथ ही वह खुद को मानसिक तौर पर भी मजबूत बनाए रखने के लिए मेहनत कर रही हैं क्योंकि यह मैच के दिन सबसे अधिक मायने रखता है।
पिंकी ने कहा, बेशक वहां बड़े और मजबूत खिलाड़ी आएंगे, लेकिन मैंने भी अच्छी तैयारी की है। अपने भारवर्ग की खिलाड़ियों के वीडियो देखे हैं। बस मुझे मानसिक तौर पर मजबूत रहने की जरूरत है। बाकी तकनीकी तौर पर ज्यादा कुछ अंतर नहीं है। सकारात्मक मानसिकता से अच्छे परिणाम निकलेंगे।