IANS

आईटी के पुनर्मूल्यांकन नोटिस के पीछे बदनीयत : सोनिया

नई दिल्ली, 14 अगस्त (आईएएनएस)| कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड(वाईआई) को पुनर्मूल्यांकन नोटिस भेजे जाने के पीछे आयकर विभाग की बदनीयत है। सोनिया गांधी के वकील पी. चिदंबरम ने न्यायमूर्ति रविंद्र भट्ट और न्यायमूर्ति ए.के. चावला की पीठ से कहा कि उन्होंने(सोनिया) यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के शेयरधारक के नाते कोई भी कमाई नहीं की है, जिसने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड(एजीएल) का अधिग्रहण किया है। एजीएल पहले अंग्रेजी दैनिक नेशनल हेराल्ड का प्रकाशक था।

अदालत सोनिया गांधी और उनके पार्टी सहयोगी ऑस्कर फर्नाडीस के विरुद्ध 31 मार्च को आयकर विभाग के पुनर्मूल्यांकन से संबंधित नोटिस मामले में याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

आयकर विभाग ने वर्ष 2011-12 के दौरान यंग इंडिया के जरिए अर्जित की गई आय का खुलासा नहीं करने के लिए सोनिया गांधी और फर्नांडीज को नोटिस जारी किया था।

सोनिया गांधी के वकील ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2011-12 में सही आयकर दाखिल किया था और उन्हें यंग इंडिया में खरीदे गए शेयर के अलावा यंग इंडिया से और कुछ नहीं मिला।

पिछले सप्ताह राहुल गांधी ने भी वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान उनके खिलाफ आयकर विभाग द्वारा कर पुनर्मूल्यांकन किए जाने के नोटिस के विरुद्ध अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी यंग इंडिया में बड़े शेयरधारक हैं।

आयकर विभाग की ओर से पेश अतिरिक्त महान्यायवादी तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि आयकर विभाग ने राहुल गांधी के खिलाफ कर पूनर्मूल्यांकन को दोबारा खोला है, क्योंकि उन्होंने इस सूचना को छिपाया कि वह यंग इंडिया के निदेशक हैं।

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को मुकर्रर कर दी।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close