हरियाणा : दलितों ने किया स्वतंत्रता दिवस के दिन हिंदू धर्म परिवर्तन का एलान
15 अगस्त के दिन प्रदेश भर के करीब 1500 दलित धर्म परिवर्तन करेंगे।
वर्तमान दौर में देश जातिगत अंतर्विरोधों की आग में जल रहा है। हर तरफ जातीय हिंसा और अराजकता चरम पर है। भाजपा पर इस वक़्त जातिगत हिंसा के बहुत इल्जाम लग रहे हैं। हालांकि यह आरोप राजनीति से प्रेरित है या यूंही इन्हें हवा दी जा रही है। यह पूरी तरह कहा नहीं जा सकता। दलितों की जगह उग्र आंदोलन देखने को मिल रहे हैं।
हरियाणा के जींद में जो हरियाणा राज्य का “सेंटर ऑफ़ हार्ट” हैं, और हरियाणा राज्य का पुराना जिला भी हैं। जींद आजकल जातिगत अंतर्विरोधों की आग में जल रही है। जींद में सरकार द्वारा मांगे न मानने की वजह से दलित विरोध और मुखर होता जा रहा है। ये दलित 183 दिनों से दलित ज्वाइंट एक्शन कमेटी के नेतृत्व में जींद के लघु सचिवालय के सामने धरने पर बैठे है। धरने पर बैठे हुए लोगों ने सरकार पर अपनी विभिन्न मांगों को ना मानने का आरोप लगाया है।
अब धरने पर बैठे दलितों ने दावा किया है कि 15 अगस्त के दिन प्रदेश भर के करीब 1500 दलित धर्म परिवर्तन करेंगे। उनका दावा है कि यह धर्म परिवर्तन दिल्ली नही बल्कि जींद के धरना स्थल पर ही होगा और इसको लेकर उन्होंने व्यापक स्तर पर तैयारियां कर ली है।
दलित ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संचालक दिनेश बौद्ध खापड़ ने कहा कि “सरकार से सम्पर्क व बातचीत करने के सारे प्रयास असफल रहे और अब मजबूरी में उन्हें धर्म परिवर्तन जैसा कदम उठाना पड़ेगा।” दलितों ने प्रदेश सरकार पर दलित हिन्दुओं की कोई सुनवाई व मान सम्मान नहीं करने के आरोप लगाए।
उनका कहना है कि ये मांगें पूरी करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। इसके बावजूद सरकार दलितों के प्रति अपनी संकीर्ण मानसिकता के चलते उनकी जायज मांगों को पूरा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार ने मांगें पूरी नहीं कीं तो दलित समाज धर्म परिवर्तन करेगा।’’
दिनेश खापड़ ने कहा कि “यह सरकार दलित विरोधी है तथा इसी दलित विरोधी मानसिकता के चलते दलितों की जायज नैतिक मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है।” उनका कहना है कि “अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो इस बार बहुत अधिक गिनती में दलित हिंदु धर्म को छोड़ देंगे।”