अंधविश्वासी चादर हटाइए … डरिए नहीं सूर्य ग्रहण के गणित को समझिए …
11 अगस्त को साल का आख़िरी सूर्य ग्रहण पड़ रहा है।
इस वर्ष 11 अगस्त को साल का आख़िरी सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। ये 2018 का आखिरी सूर्य ग्रहण है। सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों के बीच तरह तरह की बातें शुरू हो जाती हैं। कोई इसे वैज्ञानिक रूप से देखता है, तो कोई धार्मिक रूप से।
सूर्य ग्रहण कैसे होता है लेकिन आज हम आपको इस खगोलीय घटना की सच्चाई एक बार फिर से बताने जा रहे हैं। ताकि अपने आसपास फैले अंधविश्वास का खंडन आप आत्मविश्वास से कर सकें।
पृथ्वी अपनी धुरी पर निरंतर घूमते रहने के साथ-साथ सौरमंडल में सूर्य का चक्कर भी लगाती है। चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है तो वह पृथ्वी के चारों ओर घूमता रहता है। ऐसे में कई बार चंद्रमा घूमते-घूमते सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। ऐसी दशा में पृथ्वी से सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखाई नहीं देता है। यही घटना ‘सूर्य ग्रहण’ के नाम से जानी जाती है।
15 फरवरी को इस साल का पहला ‘सूर्य ग्रहण’ पड़ा था। दूसरा सूर्य ग्रहण 13 जुलाई को लगा था। इस बार सूर्य ग्रहण 11 अगस्त दिन शनिवार को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगा। और शाम 5 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगा।