IANS

पूर्वी, उत्तर भारत में बढ़ी क्लींकर की मांग, छत्तीसगढ़ को क्षति

रायपुर, 10 अगस्त (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ में सीमेंट की बढ़ती दरों को देखते हुए दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे ने समीक्षा बैठक की। रायपुर रेल मंडल कार्यालय में हुई बैठक में समीक्षा के बाद यह निष्कर्ष सामने आया कि पूर्वी-उत्तर भारत में बढ़ती क्लींकर की मांग के कारण प्रदेश में सीमेंट की दरें लगातार बढ़ रही है।

मंडल रेल कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोयले की भारी मांग के कारण सीमेंट और क्लींकर के रैकों की उपलब्धता और प्रेषण की रफ्तार धीमी हो गई है, जिससे मूलत: रायपुर, बिलासपुर, झारसुगुड़ा और राउरकेला रेलखंड पर परिचालन शिथिल हो गया है। इनमें अप्रैल-मई माह में शिवनाथ ब्रिज पर मरम्मत और संरक्षा की ष्टि से महत्वपूर्ण कार्य और तिहारी करण के कार्य किए गए। इन सभी कारणों से इस पूरे परिक्षेत्र से सीमेंट क्लीकर रेल के निर्गमन में 20 से 25 फीसदी की गिरावट आई है।

उन्होंने बताया कि रायपुर, बिलासपुर परिक्षेत्र के सीमेंट उत्पादक सड़क यातायात से दोगुनी-तिगुनी भाड़े पर अपना माल भेजने के लिए बाध्य हो गए हैं। इसके अलावा इस मीटिंग में नए तकनीक वाले वे.ब्रिज, सीमेंट उत्पादकों की साइडिंग के रख-रखाव और रेल पथ के नवीनीकरण आदि विषयों पर चर्चा की गई। रेलवे वैगनों के रिटेंशन में बढ़ोतरी पर भी चिंता जताई गई।

इस मीटिंग में मंडल रेल प्रबंधक कौशल किशोर, अपर मंडल रेल प्रबंधक शिव शंकर लकड़ा, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक रवीश कुमार सिंह और प्रमुख सीमेंट उत्पादकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

रायपुर रेल मंडल के सीमेंट उत्पादकों की समस्याओं को जानने के लिए 8 अगस्त को मीटिंग बुलाई गई। रायपुर रेल मंडल को लदान में 50 प्रतिशत का योगदान सीमेंट क्लींकर का होता है, यह पूरा क्षेत्र पूर्वी और पूर्वी उत्तर भारत के सीमेंट की आपूर्ति की ष्टि से अति महत्वपूर्ण है। विगत कुछ समय से रेल सीमेंट क्लींकर के निर्गमन में हो रही लगातार गिरावट पर चिंता जताई गई, बताया जाता है कि इस गिरावट के कारण रायपुर मंडल का राजस्व भी प्रभावित हो रहा है।

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