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ODOP समिट LIVE : ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ समिट से बढ़ेगा यूपी के कुटीर उद्योगों का दायरा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बटन दबाकर लाभार्थियों को दिया 1007 करोड़ रुपए का ऋण

लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग की ओर से आयोजित पहली ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ (ओडीओपी) समिट में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दीप प्रज्ज्वलन कर ओडीओपी समिट का उद्घाटन किया। समिट में पहुंचकर  राष्ट्रपति ने जिलों के उत्पादों की प्रदर्शनी देखी। इसके बाद उन्होंने लाभार्थियों को ऋण पत्र और टूल किट भी बांटें।

लखनऊ में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग की ओर से आयोजित पहली ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ (ODOP) समिट में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश के सभी जिलों की उत्पाद प्रदर्शनी देखी। राष्ट्रपति के साथ मंच पर राज्यपाल राम नाइक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, मुख्य सचिव और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सत्यदेव पचौरी मौजूदरहे।

ओडीओपी समिट का उद्घाटन करने के बाद मंच पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में कहा,” मुझे बताया गया है कि ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना द्वारा पाँच वर्षों में 25,000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता के ज़रिए 25 लाख लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य है। मुझे आशा है कि इस योजना से युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिलेंगे।”

भारत में M.S.M.E. उद्यमों को अर्थ-व्यवस्था का मेरुदंड कहा जाता है। ये उद्यम समावेशी विकास के इंजन हैं। कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक लोग इन्ही उद्यमों में रोजगार पाते हैं। देश के सर्वाधिक M.S.M.E. उद्यम उत्तर प्रदेश में हैं।

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि देश के कुल हस्त-शिल्प निर्यात में उत्तर प्रदेश का योगदान 44 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश के विकास में M.S.M.E उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका है। ‘ओ.डी.ओ.पी.’ योजना छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों तक M.S.M.E. उद्यमों के लिए सहायक परिस्थितियाँ पैदा करेगी।

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा, ” ओडीओपी का सुझाव मैंने पिछले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी दिया था लेकिन उन्होनें इसे गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन योगी जी ने इसे गंभीरता से लेकर ‘एक जनपद एक उत्पाद’ की शुरुआत की ये हम सभी के लिए सुखद है ।”

सीएम योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया, अंगवस्त्र और सहारनपुर की काष्ठकला का उपहार भेंट किया। ओडीओपी समिट में जीई हेल्थकेयर, एमेजॉन, क्यूसीआई (क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के साथ एमओयू साइन किया गया । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ‘ओडीओपी कॉफी टेबल बुक’ का विमोचन किया। इसके साथ ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ओडीओपी के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर और वेबसाइट की शुरुआत की।

समिट में उपस्थित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ” उत्तर प्रदेश में रोजगार बढ़ाने के लिए कृषि के बाद सबसे ज्यादा संभावनाएं सूक्ष्म उद्योगों से है, अब हम विश्वकर्मा श्रम सम्मान पर भी काम शुरू करने वाले है, पूरे प्रदेश में इतनी संभावनाएं होते हुए भी पहले यह आगे क्यों नही बढ़ा …?”  उन्होंने आगे कहा कि  हम जो कहगे उसको जमीन पर उतारेंगे, स्टार्ट अप योजना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 250 करोड़ का बजट तैयार कर रखा है, कारीगरों को अच्छी टेक्नोलॉजी दे सकें, इसके लिए भी काम काम करेंगे, ओडीओपी से प्रदेश का पलायन रुकेगा, अब उत्तर प्रदेश देश में अपने आप को एक नई छवि के साथ पेश करेगा।

‘एक जनपद-एक उत्पाद’ समिट की क्या है खूबी –

समिट मे उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों के विशेष उत्पादों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इसमें संबंधित जिले के उस विशिष्ट उत्पाद को प्रदर्शित किया जाएगा, यह प्रदर्शनी 12 अगस्त तक चलेगी।

ओडीओपी समिट में बांटा जाएगा 1,007 करोड़ का ऋण –

इस मौके पर राज्य सरकार की ओर से 4,084 लाभार्थियों को 1,007 करोड़ रुपए का ऋण बांटा जाएगा। हर वर्ष एक लाख लोगों को ओडीओपी योजना से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

उत्तर प्रदेश ऐसा पहला प्रदेश बना है, जो ओडीओपी के माध्यम से लोगों को उनके गृह जनपदों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए परंपरागत कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दे रहा है।

उत्तर प्रदेश में मौजूदा समय में 8,900 करोड़ रुपए के उत्पाद का ही निर्यात होता है, जिसे बढ़ाकर दो लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में एक जनपद-एक उत्पाद समिट प्रदेश में अत्पादों का निर्यात बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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