मेहुल चोकसी प्रत्यर्पण पर भारत के आग्रह की जांच कर रहा एंटीगुआ
मामले की जांच के लिए भारत सरकार ने एंटीगुआ और बरबुडा सरकार से तीन अगस्त को किया था आग्रह
एंटीगुआ और बरबुडा सरकार भगोड़े हीरा कारोबारी के प्रत्यर्पण के भारत सरकार के आग्रह की जांच-पड़ताल कर रही है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मेहुल चोकसी 13,500 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का मुख्य आरोपी है और भगोड़े ने अब इस कैरीबियाई देश की नागरिकता ले ली है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा, हमने चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ और बरबुडा सरकार से तीन अगस्त को आग्रह किया था। हमारे प्रत्यर्पण अधिनियम के आधार पर भारत व एंटीगुआ और बरबुडा के साथ प्रत्यर्पण व्यवस्था है।
कुमार ने कहा,” एंटीगुआ और बरबुडा के प्रत्यर्पण अधिनियम 1993 के प्रावधानों के अंतर्गत, एक व्यक्ति को एक नामित कॉमनवेल्थ देश या राज्य को प्रत्यर्पित किया जा सकता है, जिसके साथ एक आम या विशेष व्यवस्था या एक द्विपक्षीय समझौता है।”
कुमार के अनुसार, एंटीगुआ और बरबुडा सरकार ने वर्ष 2001 में भारत को नामित देश का दर्जा दिया था, जबकि नई दिल्ली ने तीन अगस्त को राजपत्र अधिसूचना जारी किया था, जिसमें देश के 1962 के प्रत्यर्पण अधिनियम के प्रावधानों को एंटीगुआ ओर बरबुडा के साथ 2001 से प्रभावी बनाने के निर्देश दिए गए हैं।